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भाजपा नेताओं पर बाबा बैद्यनाथ मंदिर में जबरन प्रवेश का आरोप: निश्चिकांत दुबे का आत्मसमर्पण का ऐलान

झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर में भाजपा नेताओं निश्चिकांत दुबे और मनोज तिवारी पर जबरन प्रवेश का आरोप लगा है। यह घटना 2 अगस्त को हुई, जिसके बाद पुजारी ने शिकायत दर्ज कराई। निश्चिकांत दुबे ने कहा है कि वे आत्मसमर्पण करेंगे। इस मामले ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और मंदिर में श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया।
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भाजपा नेताओं पर बाबा बैद्यनाथ मंदिर में जबरन प्रवेश का आरोप: निश्चिकांत दुबे का आत्मसमर्पण का ऐलान

भाजपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर

Nishikant Dubey Manoj Tiwari case: झारखंड के देवघर में स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर के गर्भगृह में अवैध रूप से प्रवेश करने के आरोप में भाजपा के नेता निश्चिकांत दुबे, मनोज तिवारी और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह घटना 2 अगस्त को हुई, जिसने वहां मौजूद हजारों श्रद्धालुओं में भय और चिंता का माहौल पैदा कर दिया। पुलिस ने बताया कि श्रावण मास के दौरान वीआईपी और वीवीआईपी के लिए मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध था, फिर भी ये नेता अपने समर्थकों के साथ गर्भगृह में घुस गए। इस दौरान पुलिस और नेताओं के बीच झड़प भी हुई, जिससे श्रद्धालुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।


पुजारी की शिकायत पर कार्रवाई

मंदिर के पुजारी कार्तिक नाथ ठाकुर ने 7 अगस्त को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि निश्चिकांत दुबे और मनोज तिवारी ने नियमों का उल्लंघन करते हुए शाम 8:45 से 9:00 बजे के बीच गर्भगृह में जबरन प्रवेश किया। इस घटना ने धार्मिक परंपराओं और भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।


निश्चिकांत दुबे का आत्मसमर्पण

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए निश्चिकांत दुबे ने कहा कि पूजा करने के कारण उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और वे पुलिस स्टेशन जाकर आत्मसमर्पण करेंगे। उन्होंने अपने ट्विटर (X) पोस्ट में लिखा- पूजा करने के कारण यह मामला बना है, अब तक मेरे खिलाफ 51 मामले दर्ज हो चुके हैं। कल मैं देवघर एयरपोर्ट से सीधे पुलिस स्टेशन आत्मसमर्पण के लिए जाऊंगा।


बाबा बैद्यनाथ धाम और श्रावण मेला

श्रावण मास के दौरान बिहार के सुल्तानगंज से देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर तक लगभग 105 किलोमीटर की यात्रा लाखों 'कांवड़िएं' करते हैं। यह मंदिर देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। अब तक लगभग 55 लाख कांवड़िए इस महीने लंबित श्रावण मेले के तहत पवित्र गंगा जल अर्पित कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त, करीब दो लाख श्रद्धालुओं ने 'शिघ्र दर्शनम' यानी फास्ट-ट्रैक सुविधा का लाभ उठाकर दर्शन किए हैं।