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भाजपा विधायकों ने जम्मू-कश्मीर में मेडिकल कॉलेज की एडमिशन लिस्ट पर उठाए सवाल

भाजपा विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल से मिला और श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस की पहली एडमिशन लिस्ट को रद्द करने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकांश छात्रों का चयन एक विशेष समुदाय से हुआ है। सुनील शर्मा के नेतृत्व में विधायकों ने प्रशासन से अपील की कि माता वैष्णो देवी के प्रति आस्था रखने वाले छात्रों को प्राथमिकता दी जाए। इस मुद्दे पर विवाद बढ़ता जा रहा है, जिससे राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है।
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भाजपा विधायकों ने जम्मू-कश्मीर में मेडिकल कॉलेज की एडमिशन लिस्ट पर उठाए सवाल

भाजपा का प्रतिनिधिमंडल उपराज्यपाल से मिला

नई दिल्ली। भाजपा के विधायकों का एक समूह जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मिला। इस बैठक में उन्होंने रियासी जिले के श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस द्वारा जारी की गई पहली एडमिशन लिस्ट को रद्द करने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने किया, जिन्होंने चयन सूची पर गंभीर सवाल उठाए। उनका आरोप था कि जिन छात्रों को दाखिला मिला है, उनमें से अधिकांश एक विशेष समुदाय से हैं। उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया कि माता वैष्णो देवी के प्रति आस्था रखने वाले छात्रों को प्राथमिकता दी जाए।


राजभवन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि इस बैठक में विधायक शाम लाल शर्मा, सुरजीत सिंह सलाथिया, देवेंद्र कुमार मन्याल और रणबीर सिंह पठानिया भी शामिल थे। बैठक के बाद, शर्मा ने पत्रकारों से कहा कि हमने एसएमवीडीआईएमई में पहले बैच के दाखिलों को लेकर एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया, जिसमें अधिकांश सीटें एक विशेष समुदाय के छात्रों को दी गई हैं।


भाजपा नेताओं की चिंताएं

भाजपा नेताओं की क्या है मांग?

सुनील शर्मा ने कहा कि उनका विरोध इस आधार पर है कि यह संस्थान श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि श्राइन बोर्ड को मिलने वाला दान धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यों के लिए है। इस वर्ष एसएमवीडीआईएमई को 50 एमबीबीएस सीटों की मंजूरी मिली है। पहले बैच (2025-26) में 41 छात्रों का चयन विवाद का कारण बन गया है। कुछ दक्षिणपंथी समूह इस प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि इस कॉलेज को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा दिया जाए।