भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में गतिरोध: टैरिफ और GM उत्पादों पर चर्चा

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता में रुकावट
भारत-अमेरिका व्यापार समझौता: भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता अब ठहराव पर पहुंच गई है। दोनों देशों ने नए व्यापार प्रस्तावों पर बातचीत शुरू की है, लेकिन अगली बैठक की तारीख और स्थान अभी तक निर्धारित नहीं हो पाए हैं। भारत ने अमेरिका से मक्का और तेल खरीदने पर चर्चा की है, जिसका उपयोग इथेनॉल उत्पादन में किया जाएगा। इसके साथ ही, भारत ने अमेरिका से 25% अतिरिक्त टैरिफ हटाने की मांग भी की है।
टैरिफ पर अमेरिका का तर्क
ये टैरिफ रूस से तेल आयात पर अमेरिका द्वारा लगाए गए थे। अमेरिका का कहना है कि रूस से खरीदे गए तेल से यूक्रेन युद्ध को अप्रत्यक्ष रूप से वित्तीय सहायता मिल रही है। भारत ने स्पष्ट किया है कि कृषि क्षेत्र में अमेरिकी कंपनियों को बाजार में प्रवेश देने पर सख्त पाबंदियाँ होंगी।
सरकार की 'रेड लाइन'
‘रेड लाइन’ तय
विशेष रूप से जेनेटिकली मॉडिफाइड (GM) उत्पादों के संबंध में, सरकार ने 'रेड लाइन' निर्धारित की है ताकि भारतीय किसानों के हित और खाद्य सुरक्षा को नुकसान न पहुंचे। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बातचीत सही दिशा में बढ़ रही है, लेकिन यह प्रक्रिया धीरे-धीरे आगे बढ़ेगी। अब तक पांच दौर की चर्चा हो चुकी है, जबकि अगस्त में होने वाला छठा दौर स्थगित कर दिया गया था। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या पतझड़ तक कोई ठोस नतीजा निकलेगा या वार्ता और लंबी खिंच जाएगी।
भारत का प्रस्ताव: मक्का और तेल आयात
भारत का प्रस्ताव: मक्का और तेल आयात
भारत ने अमेरिका से मक्का आयात कर इथेनॉल बनाने का प्रस्ताव रखा है। इसके साथ ही, कच्चे तेल की खरीद बढ़ाने पर भी चर्चा हुई है। यह कदम ऊर्जा सुरक्षा और वैकल्पिक ईंधन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
टैरिफ और GM उत्पादों पर सख्त रुख
टैरिफ और GM उत्पाद पर सख्त रुख
भारत ने अमेरिका से 25% अतिरिक्त टैरिफ हटाने की मांग की है। इसके अलावा, सरकार ने स्पष्ट किया है कि GM मक्का और सोयाबीन जैसे उत्पादों को घरेलू बाजार में अनुमति नहीं दी जाएगी। यह कदम किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के हित में है।
बातचीत का ठहराव
बातचीत का ठहराव
हालांकि अब तक पांच चरण पूरे हो चुके हैं, लेकिन छठे दौर के स्थगित होने से बातचीत की गति धीमी हो गई है। अगली बैठक की तारीख और स्थान तय न होने से डील पर अनिश्चितता बनी हुई है। वाणिज्य मंत्रालय का कहना है कि चर्चा जारी रहेगी और दोनों पक्ष जल्द समाधान खोजने का प्रयास करेंगे।