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भारत-अमेरिका व्यापार विवाद: टैरिफ और कूटनीति की जटिलताएँ

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में हाल के दिनों में तनाव बढ़ गया है। अमेरिका द्वारा भारत से आने वाले ऑटोमोबाइल्स और ऑटो पार्ट्स पर भारी टैरिफ लगाने के निर्णय ने भारत को डब्ल्यूटीओ में शिकायत दर्ज कराने के लिए मजबूर किया है। अमेरिका का कहना है कि ये टैरिफ सुरक्षा उपाय नहीं हैं, जबकि भारत इसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों का उल्लंघन मानता है। जानें इस जटिल स्थिति के पीछे की पूरी कहानी और दोनों देशों के बीच की कूटनीतिक बातचीत के पहलू।
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भारत-अमेरिका व्यापार विवाद: टैरिफ और कूटनीति की जटिलताएँ

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव

हाल के समय में भारत और अमेरिका के संबंधों में तनाव बढ़ता जा रहा है। हालांकि, कभी-कभी कूटनीतिक मुस्कानें तस्वीरों में नजर आती हैं, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है। अमेरिका इस समय चीन के साथ दुर्लभ खनिजों के व्यापार में व्यस्त है, जबकि भारत से आने वाले ऑटोमोबाइल और ऑटो पार्ट्स पर भारी टैरिफ लगाकर दबाव बनाया जा रहा है। भारत ने इसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों का उल्लंघन मानते हुए विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में शिकायत दर्ज कराई है। भारत का कहना है कि ये टैरिफ सुरक्षा उपाय हैं, जबकि अमेरिका ने इसका खंडन करते हुए कहा है कि उसने कोई सुरक्षा उपाय नहीं लागू किया है, इसलिए बातचीत का कोई आधार नहीं है।


टैरिफ वृद्धि पर भारत की प्रतिक्रिया

पिछले सप्ताह, भारत ने अमेरिका से परामर्श की मांग की थी, जब अमेरिका ने भारत में या वहां से आयातित यात्री वाहनों और हल्के ट्रकों पर 25% टैरिफ बढ़ाने का निर्णय लिया। यह उपाय 3 मई, 2025 से लागू होगा और अनिश्चितकाल के लिए जारी रहेगा। अमेरिका ने डब्ल्यूटीओ को सूचित किया कि यह टैरिफ धारा 232 के तहत लगाया गया है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित है। अमेरिका ने यह भी कहा कि उसने 1974 के व्यापार अधिनियम की धारा 201 के तहत सुरक्षा उपाय लागू नहीं किए हैं, इसलिए सुरक्षा समझौते के तहत परामर्श का कोई आधार नहीं है।


भारत का तर्क और अमेरिका की प्रतिक्रिया

भारत ने यह भी कहा कि अमेरिका सुरक्षा उपायों को लागू करने के लिए आवश्यक सूचनाएं डब्ल्यूटीओ समिति को नहीं दी हैं। पिछले वर्ष, अमेरिका ने वैश्विक स्तर पर 89 अरब डॉलर के ऑटो पार्ट्स का आयात किया, जिसमें मैक्सिको का हिस्सा 36 अरब डॉलर, चीन का 10.1 अरब डॉलर और भारत का केवल 2.2 अरब डॉलर था। अमेरिका ने सुरक्षा उपायों के तहत स्टील और एल्युमीनियम पर टैरिफ का मुकाबला करने के लिए भारत के 29 उत्पादों पर जवाबी शुल्क लगाने के प्रस्ताव पर भी नकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। नई दिल्ली ने डब्ल्यूटीओ को बताया कि इन उपायों से अमेरिका में 7.6 अरब डॉलर के आयात प्रभावित होंगे।