भारत-अमेरिका संबंध: ट्रंप के बयानों के बावजूद मजबूत होती साझेदारी

भारत और अमेरिका के बीच संबंधों की मजबूती
US India Relations: हालांकि वॉशिंगटन और नई दिल्ली के बीच हाल के समय में कुछ कूटनीतिक तनाव उत्पन्न हुए हैं, फिर भी दोनों देशों के बीच सहयोग की बुनियाद मजबूत बनी हुई है। अमेरिकी विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत और अमेरिका के रिश्तों में थोड़ी उथल-पुथल जरूर है, लेकिन यह संबंध सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहा है। इस तनाव का मुख्य कारण वॉशिंगटन से मिल रहे मिश्रित संकेत हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तीखे बयानों ने इस रिश्ते को कभी गर्म और कभी ठंडा किया है, लेकिन अधिकारी का कहना है कि यह साझेदारी भविष्य की ओर बढ़ रही है और लगातार गहराती जा रही है।
ट्रंप के बयानों के बावजूद संबंधों की मजबूती
एक अमेरिकी अधिकारी ने मीडिया को बताया कि जब राष्ट्रपति नाराज होते हैं, तो वे इसे छिपाते नहीं हैं, और आप इसे Truth Social पर देख सकते हैं। यह अमेरिका के इतिहास की सबसे पारदर्शी सरकार है। ट्रंप की सीधी बात करने की शैली के बावजूद, प्रशासन मानता है कि भारत एक अच्छा मित्र और भविष्य का साझेदार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकाल में व्हाइट हाउस जाने वाले पहले विदेशी नेताओं में से एक रहे। इसके अलावा, अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पद ग्रहण करने के तुरंत बाद क्वाड देशों (भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया) के साथ बैठक की और फिर भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ द्विपक्षीय वार्ता की।
व्यापार और ऊर्जा पर मतभेद
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और ऊर्जा नीतियों को लेकर कुछ असहमति बनी हुई है। अमेरिका ने भारतीय आयात पर 50% तक के भारी शुल्क लगाए हैं और रूस से तेल खरीद को लेकर भारत पर दबाव बना रहा है। रूसी तेल का मुद्दा हर बैठक में उठता है और इस बार भी इसे उठाया गया, अधिकारी ने कहा कि यह बात न्यूयॉर्क में जयशंकर-रुबियो मुलाकात के संदर्भ में कही गई।
मोदी-ट्रंप की व्यक्तिगत कूटनीति
प्रधानमंत्री मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच व्यक्तिगत संबंध अब भी मजबूत बने हुए हैं। मोदी के 75वें जन्मदिन पर दोनों नेताओं के बीच एक सकारात्मक फोन कॉल हुई थी। इसके साथ ही, ट्रंप के करीबी सर्जियो गोर को अमेरिका का अगला भारत में राजदूत नियुक्त किए जाने पर विचार किया जा रहा है, जो इस रिश्ते की रणनीतिक अहमियत को दर्शाता है।
भविष्य की योजनाएं
अधिकारियों के अनुसार, साल 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में एक और क्वाड समिट की योजना पर काम चल रहा है। इससे पहले भी दोनों देशों के शीर्ष नेता विभिन्न मंचों पर संपर्क में रहे हैं और यह संवाद आगे भी जारी रहने की संभावना है।