भारत और अमेरिका के बीच रूसी तेल प्रतिबंधों पर चर्चा

रूसी तेल आयात पर भारत के साथ समाधान की उम्मीद
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा है कि वाशिंगटन भारत के साथ रूसी तेल आयात से संबंधित प्रतिबंधों पर तनाव को सुलझाने की उम्मीद करता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर उन्होंने भारत की खरीद और यूरोप की रूसी ऊर्जा पर निर्भरता के बीच के अंतर को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, "इस समय कुछ यूरोपीय देश रूस से बड़ी मात्रा में तेल और गैस खरीद रहे हैं, जो कि अनुचित है। वे अमेरिका से रूस पर और प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन खुद पर्याप्त कदम नहीं उठा रहे हैं। यूरोप को और अधिक सक्रिय होना चाहिए।"
भारत, अमेरिका का करीबी सहयोगी
रुबियो ने यह भी बताया कि भारत अमेरिका का एक महत्वपूर्ण साझेदार है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ उठाए गए कदमों के तहत भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाए हैं। यह जानकारी उन्होंने 'गुड मॉर्निंग अमेरिका' के एक साक्षात्कार में साझा की।
अतिरिक्त शुल्क और यूरोप की भूमिका
जब उनसे पूछा गया कि ट्रंप ने रूस पर कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की, तो रुबियो ने अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम के प्रस्ताव का उल्लेख किया, जो भारत और चीन पर रूस से तेल और गैस खरीदने पर शुल्क लगाने से संबंधित है। उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि राष्ट्रपति ने यूरोप से भी आगे आने का आह्वान किया है। कई यूरोपीय देश अब भी रूस से बड़ी मात्रा में प्राकृतिक गैस और तेल खरीद रहे हैं, जो सीधे युद्ध को बढ़ावा दे रहा है।"
सुरक्षा गारंटी पर प्रगति
रुबियो ने यह भी बताया कि ट्रंप और पुतिन के बीच अलास्का शिखर सम्मेलन के बाद यूरोपीय नेता वाशिंगटन आए थे। उन्होंने कहा, "हमने इस बात पर सहमति जताई कि संघर्ष समाप्त होने के बाद यूक्रेन के भविष्य के लिए सुरक्षा गारंटी पर काम करेंगे। इस दिशा में हमने महत्वपूर्ण प्रगति की है।"