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भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता: क्या होगा किसानों के हितों का?

भारत और अमेरिका के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापार वार्ता की संभावना है, जिसमें टैरिफ और व्यापार विवादों पर चर्चा होगी। अमेरिकी प्रतिनिधि सोमवार रात भारत पहुंचेंगे। भारत ने स्पष्ट किया है कि वह अपने किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगा। इस वार्ता के दौरान, अमेरिका ने जी7 देशों से रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर शुल्क लगाने का आग्रह किया है। जानें इस वार्ता के संभावित परिणाम और किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए भारत का क्या रुख है।
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भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता: क्या होगा किसानों के हितों का?

भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की संभावना

India US trade deal: भारत और अमेरिका के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापारिक समझौते की संभावना जताई जा रही है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिकी प्रतिनिधि सोमवार रात भारत पहुंचेंगे, जहां दोनों देशों के बीच टैरिफ और व्यापार से जुड़े विवादों पर चर्चा होगी। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि चल रही टैरिफ जंग के बीच वार्ता कितनी प्रगति करेगी। भारत ने स्पष्ट किया है कि वह किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगा। दूसरी ओर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की बात कर रहे हैं।


दिल्ली में व्यापार वार्ता का आयोजन

दिल्ली में होगी भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता

एक सरकारी सूत्र के अनुसार, अमेरिकी वार्ताकार सोमवार रात भारत पहुंचेंगे। मंगलवार को दोनों देशों के बीच औपचारिक व्यापार वार्ता होगी। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका ने भारत से आने वाले कुछ उत्पादों पर 50 प्रतिशत तक आयात शुल्क लगा दिया है। इसके अलावा, अमेरिका भारत पर रूस से कच्चा तेल खरीदने को लेकर भी दबाव बना रहा है।


हालिया उच्चस्तरीय कूटनीतिक बैठक

हाल ही में हुई थी उच्चस्तरीय कूटनीतिक मुलाकात

दो दिन पहले, अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने कई अमेरिकी सांसदों से मुलाकात की। इस दौरान द्विपक्षीय व्यापार और ऊर्जा सहयोग पर चर्चा हुई। उन्होंने प्रतिनिधि सभा के सदस्य जेम्स मोयलान के साथ बैठक में भारत-अमेरिका व्यापार साझेदारी में हालिया बदलावों और ऊर्जा सहयोग की दिशा में प्रगति की जानकारी साझा की। क्वात्रा ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा रणनीतिक हितों और यूक्रेन युद्ध को कूटनीति के माध्यम से सुलझाने के भारत के प्रयासों पर भी चर्चा की।


जी7 देशों पर ट्रंप का दबाव

जी7 देशों पर दबाव बना रहे हैं ट्रंप

रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिका ने जी7 देशों से अनुरोध किया है कि वे रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर शुल्क लगाएं। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर ने हाल ही में जी7 देशों के वित्त मंत्रियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की। ट्रंप ने कहा कि चीन पर 50 से 100 प्रतिशत तक का टैरिफ लगाया जाना चाहिए, जबकि अमेरिका ने अब तक चीन पर कोई शुल्क नहीं लगाया है। उनका मानना है कि रूस से तेल आयात को सीमित किए बिना युद्ध समाप्त नहीं हो सकता।


किसानों के हितों की सुरक्षा

किसानों के हितों से समझौता नहीं

भारत ने स्पष्ट किया है कि वह अपने किसानों के हितों और राष्ट्रीय आवश्यकताओं से कोई समझौता नहीं करेगा। भारत और चीन दोनों रूस से तेल के बड़े खरीदार हैं, जबकि अमेरिका और यूरोपीय संघ भी रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं। भारत का तर्क है कि केवल उसे निशाना बनाना अनुचित है। भारत चाहता है कि वार्ता के माध्यम से सभी मतभेदों का समाधान निकाला जाए।