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भारत और अमेरिका के बीच व्यापार विवाद: डब्ल्यूटीओ में नई स्थिति

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार विवाद ने एक नया मोड़ लिया है, जब अमेरिका ने भारत के डब्ल्यूटीओ में भेजे गए नोटिस को खारिज कर दिया। भारत ने अमेरिका के उच्च आयात शुल्क के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की योजना बनाई है, जिसमें कुछ अमेरिकी उत्पादों पर अधिक कर लगाने की संभावना है। जानें इस विवाद का इतिहास और भारत का अगला कदम क्या होगा।
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भारत और अमेरिका के बीच व्यापार विवाद: डब्ल्यूटीओ में नई स्थिति

अमेरिका ने भारत के नोटिस को खारिज किया

अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में भारत द्वारा 9 मई को भेजे गए नोटिस को अस्वीकार कर दिया है, जिसमें स्टील और एल्युमीनियम पर उच्च अमेरिकी आयात शुल्क के खिलाफ प्रतिक्रिया देने का प्रस्ताव था। अमेरिका का कहना है कि यह कदम उसके लिए आवश्यक था। सूत्रों के अनुसार, वाशिंगटन ने स्पष्ट किया कि ये शुल्क सुरक्षा उपाय नहीं माने जा सकते, इसलिए वह इस मुद्दे पर नई दिल्ली के साथ बातचीत नहीं करेगा।  इस स्थिति के कारण, भारत अमेरिका से आने वाले कुछ उत्पादों पर अधिक कर लगा सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत बादाम और अखरोट जैसे अमेरिकी उत्पादों के लिए कुछ व्यापार लाभों को निलंबित करने और अमेरिकी धातु आयात पर सीमा शुल्क बढ़ाने का निर्णय ले सकता है। भारत के नोटिस में अमेरिका के 10 फरवरी के निर्णय को चुनौती दी गई थी, जिसमें 12 मार्च से सभी स्टील और एल्युमीनियम आयातों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का निर्णय लिया गया था। यह मामला 30 मई को और बढ़ गया, जब ट्रम्प प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए टैरिफ को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर दिया, जो 4 जून से लागू हुआ। 


भारत की प्रतिक्रिया

अमेरिका द्वारा अपने घरेलू धातु उद्योग की सुरक्षा के लिए स्टील और एल्युमीनियम पर आयात शुल्क बढ़ाने के जवाब में, भारत ने 9 मई को औपचारिक रूप से विश्व व्यापार संगठन को सूचित किया कि वह 8 जून से 30 दिनों के बाद अमेरिका को दिए गए व्यापार लाभ वापस ले सकता है। अमेरिका ने 22 मई को डब्ल्यूटीओ को सूचित किया कि भारत का प्रस्तावित प्रतिशोध वैश्विक व्यापार नियमों के अनुरूप नहीं है। वाशिंगटन ने तर्क दिया कि धातुओं पर उसके टैरिफ "सुरक्षा" उपाय नहीं थे। इन उपायों के संबंध में सुरक्षा समझौते के अनुच्छेद 8.2 के तहत रियायतों या अन्य दायित्वों को निलंबित करने के भारत के प्रस्ताव का कोई आधार नहीं है। 


भारत का अगला कदम

अमेरिका के निर्णय से भारत का निर्यात प्रभावित होगा, और इसके जवाब में भारत भी अमेरिका से आयात पर टैरिफ बढ़ाएगा। भारत ने पहले भी इसी तरह के कदम उठाए हैं। जून 2019 में, भारत ने 28 अमेरिकी उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया था, जिसमें बादाम, सेब और रसायन शामिल थे। अमेरिका ने जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ़ प्रेफरेंस (GSP) की सूची से भारत को हटा दिया था और स्टील तथा एल्युमिनियम पर टैरिफ जारी रखने की घोषणा की थी, जिसके जवाब में भारत ने यह कदम उठाया। भारत के उस जवाबी टैरिफ के कारण अमेरिका से लगभग 24 करोड़ डॉलर का आयात प्रभावित हुआ। सितंबर 2023 में, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाशिंगटन गए और दोनों देशों के बीच डब्ल्यूटीओ में 6 विवादों को समाप्त करने पर सहमति बनी, तब भारत ने बढ़ा हुआ टैरिफ वापस लिया था।