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भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता नवंबर तक संभव: पीयूष गोयल

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता नवंबर तक पूरा होने की संभावना है। अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ के बावजूद, दोनों देशों के बीच सकारात्मक बातचीत जारी है। गोयल ने एक वैश्विक निवेशक सम्मेलन में उम्मीद जताई कि जल्द ही द्विपक्षीय व्यापार समझौता अंतिम रूप ले लेगा। इस लेख में व्यापार वार्ता की स्थिति और 2030 तक व्यापार को दोगुना करने के लक्ष्य पर चर्चा की गई है।
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भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता नवंबर तक संभव: पीयूष गोयल

भारत और अमेरिका के व्यापार संबंधों में प्रगति


केंद्रीय वाणिज्य मंत्री की भविष्यवाणी


भारत पर टैरिफ लगाने के बाद, अमेरिका वर्तमान में भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति के हालिया बयानों से यह स्पष्ट है कि अमेरिका भारत को किसी प्रकार की छूट देने के मूड में नहीं है। इसके बावजूद, भारत व्यापार समझौते को लेकर सकारात्मक बातचीत जारी रखने का दावा कर रहा है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता जल्द ही अंतिम रूप ले सकता है, और इसकी उम्मीद नवंबर तक की जा रही है।


व्यापार वार्ता पर गोयल का बयान

पीयूष गोयल ने एक वैश्विक निवेशक सम्मेलन में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि स्थिति जल्द ही सामान्य होगी और नवंबर तक द्विपक्षीय व्यापार समझौता अंतिम रूप ले लेगा। फरवरी में दोनों देशों के नेताओं के बीच इसी विषय पर चर्चा हुई थी। उन्होंने यह भी बताया कि भारत अमेरिका के साथ इस व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है, लेकिन अभी तक किसी नए दौर की बातचीत की घोषणा नहीं की गई है। इससे पहले, अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का 25 अगस्त को नई दिल्ली दौरा स्थगित कर दिया गया था।


2030 तक व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य

फरवरी में वॉशिंगटन डीसी में हुई मुलाकात में, ट्रंप और मोदी ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा था। हालांकि, वार्ता तब रुक गई जब अमेरिका ने भारतीय बाजार में अपने डेयरी उत्पादों जैसे दूध और पनीर के आयात की अनुमति मांगी। भारत, जो दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है, को चिंता है कि अमेरिकी डेयरी उत्पाद स्थानीय किसानों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा, धार्मिक भावनाएं भी इस मुद्दे से जुड़ी हुई हैं, क्योंकि अमेरिका में गायों को बेहतर पोषण के लिए मांसाहारी सामग्री दी जाती है, जिसे भारत में नॉन-वेज दूध माना जाता है।