Newzfatafatlogo

भारत और अरब देशों के बीच बढ़ते संबंध: सुरक्षा और व्यापार में नई दिशा

भारत और अरब देशों के बीच संबंधों में हाल के दिनों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसमें व्यापार, रक्षा और खुफिया सहयोग शामिल हैं। खाड़ी सहयोग परिषद अब भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है, जिससे पाकिस्तान की चिंताएँ बढ़ गई हैं। भारत ने सऊदी अरब के साथ कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जो दोनों देशों के बीच सुरक्षा संबंधों को मजबूत कर रहे हैं। जानें कैसे ये नए संबंध क्षेत्रीय राजनीति को प्रभावित कर रहे हैं।
 | 

भारत और अरब देशों के बीच संबंधों का विकास

भारत और अरब देशों के बीच संबंधों का एक समृद्ध इतिहास रहा है, जो हाल के समय में और भी मजबूत हुआ है। खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) अब भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है, जिसने यूरोपीय संघ और अमेरिका जैसे प्रमुख साझेदारों को पीछे छोड़ दिया है।


व्यापार के अलावा, भारत ने सऊदी अरब के साथ रक्षा और खुफिया क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाया है, जिससे पाकिस्तान में चिंता बढ़ गई है। पाकिस्तान, जो एक इस्लामी देश है, अरब देशों के साथ अपने संबंधों को बनाए रखने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भारत की बढ़ती ताकत ने उसकी स्थिति को कमजोर किया है।


भारत और जीसीसी के बीच सुरक्षा सहयोग में पिछले एक दशक में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। भारत ने सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों के साथ बिना किसी दिखावे के रक्षा सहयोग स्थापित किया है। रिपोर्टों के अनुसार, सऊदी अरब ने भारत की खुफिया एजेंसी रॉ के साथ भी एक समझौता किया है।


2014 में सऊदी अरब के साथ रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद, भारत ने संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण, खुफिया जानकारी साझा करने, रसद सहायता और जल सर्वेक्षण जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाया। इसके बाद, 2016 में संयुक्त अरब अमीरात के साथ पहला संयुक्त वायु सेना अभ्यास आयोजित किया गया।


भारत ने 2023 में ओमान की खाड़ी में फ्रांस और यूएई के साथ त्रिपक्षीय समुद्री साझेदारी अभ्यास शुरू किया, जिससे खाड़ी देशों के साथ एक नया बहुपक्षीय रक्षा ढांचा तैयार हुआ। हाल के वर्षों में, भारत और सऊदी अरब के बीच खुफिया सहयोग भी बढ़ा है, जिसमें अप्रैल 2023 में एक औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।


हाल ही में, पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद अरब-भारतीय सुरक्षा संबंधों की मजबूती का प्रदर्शन हुआ, जिसमें खाड़ी देशों ने भारत के प्रति एकजुटता दिखाई। इसके अलावा, भारत ने सऊदी अरब के पीआईएफ को निवेश में छूट दी है, जिससे सऊदी कंपनियों के लिए भारतीय बाजार में निवेश करना आसान हो गया है।


भारत और सऊदी अरब के संबंधों को पाकिस्तान और तुर्की के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि तुर्की ने पाकिस्तान की मदद की थी। अब भारत तुर्की को सबक सिखाने के लिए प्रतिबद्ध है।