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भारत और ओमान के रिश्तों में नई ऊर्जा का संचार

भारत और ओमान ने अपने संबंधों को नई ऊर्जा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समझौते को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इसका प्रभाव आने वाले दशकों तक महसूस किया जाएगा। उन्होंने ओमान की कंपनियों को भारत की विकास यात्रा में भागीदार बनने का निमंत्रण दिया और भारत की अर्थव्यवस्था की प्रगति पर भी प्रकाश डाला। जानें इस समझौते के पीछे की कहानी और इसके संभावित लाभ।
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भारत और ओमान के रिश्तों में नई ऊर्जा का संचार

भारत-ओमान संबंधों को मिली नई दिशा


समझौते का प्रभाव आने वाले दशकों तक रहेगा


भारत और ओमान ने अपने सात दशकों पुराने संबंधों को एक नई दिशा देने का कार्य किया है। हाल ही में दोनों देशों के बीच एक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जो द्विपक्षीय संबंधों और व्यापार में सहयोग को बढ़ावा देगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर कहा कि यह समझौता दोनों देशों के बीच आत्मविश्वास और ऊर्जा का संचार करेगा।


मस्कट में आयोजित भारत-ओमान बिजनेस समिट में बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन दोनों देशों के संबंधों को एक नई दिशा में ले जाने में सहायक होगा। उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक निर्णय बताया, जिसका प्रभाव आने वाले कई दशकों तक महसूस किया जाएगा।


भारत की अर्थव्यवस्था की प्रगति


पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत हमेशा से प्रगतिशील और आत्मनिर्भर रहा है। जब भारत आगे बढ़ता है, तो यह अपने मित्र देशों की प्रगति में भी योगदान देता है। उन्होंने बताया कि भारत तेजी से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है। यह ओमान के लिए विशेष रूप से लाभकारी है, क्योंकि दोनों देश न केवल मित्र हैं, बल्कि समुद्री पड़ोसी भी हैं।


ओमान की कंपनियों के लिए निमंत्रण


प्रधानमंत्री ने ओमान की कंपनियों को भारत की विकास यात्रा में भागीदार बनने का निमंत्रण दिया। उन्होंने पिछले 11 वर्षों में भारत में हुए नीतिगत परिवर्तनों और आर्थिक सुधारों का उल्लेख किया, जिसमें जीएसटी और दिवाला व शोधन अक्षमता संहिता जैसे महत्वपूर्ण सुधार शामिल हैं।