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भारत और दक्षिण कोरिया के बीच रणनीतिक साझेदारी का विस्तार

भारत और दक्षिण कोरिया ने अपनी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने का निर्णय लिया है, जिसमें सेमीकंडक्टर, स्वच्छ ऊर्जा, और रक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग शामिल है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके दक्षिण कोरियाई समकक्ष चो ह्यून के बीच हुई बातचीत में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की गई। इस बैठक में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने पर भी जोर दिया गया। जानें इस महत्वपूर्ण बैठक के बारे में और कैसे यह दोनों देशों के बीच संबंधों को नई दिशा दे सकता है।
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भारत और दक्षिण कोरिया के बीच रणनीतिक साझेदारी का विस्तार

भारत-दक्षिण कोरिया सहयोग में नई ऊंचाइयाँ

भारत और दक्षिण कोरिया ने शनिवार को सेमीकंडक्टर, स्वच्छ ऊर्जा, रक्षा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के क्षेत्रों में अपने सहयोग को बढ़ाने का संकल्प लिया।


विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके दक्षिण कोरियाई समकक्ष चो ह्यून के बीच हुई बातचीत में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की गई। जयशंकर ने ‘एक्स’ पर साझा किए गए एक पोस्ट में कहा, “हमने व्यापार, विनिर्माण, समुद्री संपर्क और लोगों के बीच संबंधों के साथ-साथ एआई, सेमीकंडक्टर, स्वच्छ ऊर्जा और रक्षा में नए अवसरों पर सार्थक चर्चा की।”


जयशंकर ने बताया कि उन्होंने और ह्यून ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र और वैश्विक घटनाक्रमों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने विशेष रणनीतिक साझेदारी के 10 वर्ष पूरे होने पर इस संबंध की प्रगाढ़ता की सराहना की।


बैठक के दौरान, जयशंकर ने पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा करने के लिए दक्षिण कोरिया का आभार व्यक्त किया। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत के संसदीय प्रतिनिधिमंडल को सियोल द्वारा दिए गए समर्थन का भी उल्लेख किया।


जयशंकर ने कहा, “आपके (विदेश मंत्री के रूप में) कार्यभार संभाले हुए मुश्किल से एक महीना हुआ है, और यह तथ्य कि आप अपने राष्ट्रीय दिवस और हमारे राष्ट्रीय दिवस के ठीक एक दिन बाद यहां हैं, इस संबंध को हम जो महत्व देते हैं उसके बारे में बहुत कुछ कहता है।” पिछले कुछ वर्षों में भारत-दक्षिण कोरिया संबंधों में, विशेषकर व्यापार और रक्षा के क्षेत्रों में तेजी आई है।