भारत और फिलीपींस के बीच बढ़ते सामरिक संबंधों पर चीन की आपत्ति

भारत-फिलीपींस संबंध
भारत-फिलीपींस संबंध: चीन ने दक्षिण चीन सागर में भारत और फिलीपींस के बीच संयुक्त समुद्री गश्त पर अपनी आपत्ति व्यक्त की है। बिना भारत का नाम लिए, चीन ने कहा कि फिलीपींस द्वारा अन्य देशों की नौसेनाओं के साथ इस प्रकार की संयुक्त गश्त क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए खतरा है। उल्लेखनीय है कि भारतीय नौसेना के तीन युद्धपोत, आईएनएस दिल्ली, शक्ति और किल्टन, फिलीपींस में हैं और संयुक्त अभ्यास कर रहे हैं, जिससे चीन को चिंता हो रही है।
चीन की आपत्ति का एक बड़ा कारण यह भी है कि पिछले दो वर्षों से दक्षिण चीन सागर में चीन और फिलीपींस के बीच तनाव बढ़ा हुआ है, जिसमें दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच झड़पें भी हुई हैं।
चीनी रक्षा मंत्रालय की प्रतिक्रिया
चीनी रक्षा मंत्रालय ने जोइंट पेट्रोल का किया विरोध
भारत और फिलीपींस की संयुक्त गश्त पर चीन के रक्षा मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीनियर कर्नल तियान जुनली ने कहा, "3-4 अगस्त को चीन की दक्षिणी थिएटर कमान की नौसेनाओं ने दक्षिण चीन सागर में नियमित गश्त की। इस दौरान, अन्य देशों की नौसेनाओं द्वारा की जा रही सैन्य गतिविधियों पर पूरी तरह से नियंत्रण रखा गया।" हालांकि, उन्होंने फिलीपींस की संयुक्त गश्त का विरोध किया।
फिलीपींस के राष्ट्रपति की भारत यात्रा
फिलीपींस के राष्ट्रपति भारत में, मजबूत हुए सामरिक संबंध
हाल के दिनों में भारत और फिलीपींस के बीच सामरिक संबंधों में मजबूती आई है। इसी क्रम में, फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर मार्कोस 4 से 8 अगस्त तक भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। 5 अगस्त को, मार्कोस दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे।
इसके अलावा, दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है, क्योंकि भारत और फिलीपींस के बीच व्यापार, रक्षा, कृषि, स्वास्थ्य सेवा और डिजिटल तकनीक जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण साझेदारियाँ हैं।
भारत हमेशा से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में फ्रीडम ऑफ नेविगेशन का समर्थक रहा है। इसी संदर्भ में, पूर्वी बेड़े के कमांडिंग-इन-चीफ रियर एडमिरल सुशील मेनन फिलीपींस की राजधानी मनीला के दौरे पर हैं।