भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा

भारत-फ्रांस वार्ता में सुरक्षा और सहयोग पर जोर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को अपने फ्रांसीसी समकक्ष ज्यां नोएल बैरोट के साथ कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा की। दोनों देशों ने रक्षा, अंतरिक्ष और असैन्य-परमाणु सहयोग को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।
जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले की निंदा करने के लिए फ्रांस की सराहना की और आतंकवाद के खिलाफ भारत के अधिकार के प्रति पेरिस के ‘दृढ़ समर्थन’ के लिए धन्यवाद दिया।
बैठक के बाद, उन्होंने मार्सिले में आयोजित एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत और फ्रांस के बीच ‘बहुत उच्च स्तर का विश्वास’ विकसित हुआ है।
जयशंकर ने बताया कि दोनों पक्षों ने भारतीय उपमहाद्वीप की स्थिति, यूक्रेन संघर्ष, पश्चिम एशिया और हिंद-प्रशांत जैसे वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि मतभेदों को युद्ध के माध्यम से नहीं सुलझाया जाना चाहिए। बातचीत और कूटनीति ही इसका सही समाधान है।’
उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों ने ‘रक्षा, असैन्य परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष, आतंकवाद के खिलाफ कदम, लोगों के आपसी संबंध, नवोन्मेष, कृत्रिम मेधा (एआई) और प्रौद्योगिकी’ जैसे विभिन्न विषयों पर व्यापक चर्चा की।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र के संदर्भ में, जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों का साझा दृष्टिकोण एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बनाए रखना है, जहां अंतरराष्ट्रीय कानून और समुद्री सुरक्षा का सम्मान किया जाता है। उन्होंने इन उद्देश्यों को बढ़ावा देने के लिए सहयोग के संयुक्त प्रयासों पर चर्चा की।