भारत और फ्रांस के बीच मजबूत कूटनीतिक संबंधों की पुष्टि
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में फ्रांस को भारत का सबसे विश्वसनीय साझेदार बताया। रायसीना मेडिटेरेनियन 2025 सम्मेलन में उन्होंने भारत-फ्रांस के संबंधों की मजबूती और वैश्विक कूटनीति में भारत की भूमिका पर अपने विचार साझा किए। इस लेख में जानें कि कैसे यह संबंध केवल राजनीतिक समझौतों से परे है और संकट के समय में एक-दूसरे के साथ खड़े रहने की भावना पर आधारित है।
Jun 15, 2025, 10:38 IST
| भारत का फ्रांस के प्रति विश्वास
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने फ्रांस को भारत का सबसे विश्वसनीय साझेदार बताया। रायसीना मेडिटेरेनियन 2025 सम्मेलन में, उन्होंने यूरोप की बदलती कूटनीतिक दृष्टिकोण, भारत-फ्रांस के रणनीतिक संबंधों और वैश्विक व्यवस्था में भारत की भूमिका पर अपने विचार साझा किए। जयशंकर ने कहा, "फ्रांस कई मायनों में यूरोप में भारत का सबसे भरोसेमंद साथी है। यह संबंध केवल साझा मूल्यों से नहीं, बल्कि संकट के समय में एक-दूसरे के साथ खड़े रहने से मजबूत हुआ है।"उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह संबंध किसी एक दिन की घोषणा का परिणाम नहीं है, बल्कि यह अनुभवों का परिणाम है। भारत ने देखा है कि कौन उसके साथ खड़ा रहा है, किसने उसकी सुरक्षा आवश्यकताओं को प्राथमिकता दी है, और किसके साथ वह सहज महसूस करता है।
जयशंकर ने बताया कि भारत और फ्रांस का संबंध केवल राजनीतिक या रक्षा समझौतों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मूल्य आधारित और व्यावहारिक सहयोग पर आधारित है। चाहे कोविड-19 के दौरान चुनौतियाँ हों या हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सामरिक संतुलन की आवश्यकता, फ्रांस हर स्थिति में भारत के साथ खड़ा रहा है।