भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक व्यापार समझौता: क्या हैं इसके फायदे?

भारत-यूके के बीच ऐतिहासिक व्यापार समझौता
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान भारत और यूनाइटेड किंगडम ने एक महत्वपूर्ण मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर उन्होंने ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर से मुलाकात की। यह समझौता तीन वर्षों की बातचीत के बाद हुआ है, जो दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। इस समझौते के माध्यम से भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार हर साल लगभग 34 बिलियन डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है।
समझौते की औपचारिकता
इस ऐतिहासिक समझौते पर भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के वाणिज्य मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स ने दोनों प्रधानमंत्रियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए। पीयूष गोयल ने बताया कि यह समझौता भारत के 99% निर्यात को शुल्क-मुक्त पहुंच प्रदान करेगा, जिससे लगभग 23 बिलियन डॉलर के श्रम-प्रधान क्षेत्रों को लाभ होगा। इसे समावेशी विकास और लैंगिक समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
उपभोक्ताओं को मिलने वाले लाभ
इस समझौते के बाद भारत के उपभोक्ताओं और उद्योगों को ब्रिटेन से आयातित उत्पादों जैसे चिकित्सा उपकरण, एयरोस्पेस पार्ट्स, सौंदर्य प्रसाधन, शीतल पेय और कारें अब सस्ते दामों पर उपलब्ध होंगे। ब्रिटिश उत्पादों पर अब औसतन 15% की बजाय केवल 3% टैक्स लगेगा, जिससे इन वस्तुओं की कीमत में काफी कमी आएगी।
ब्रिटिश शराब उद्योग को मिलेगा लाभ
ब्रिटेन के लिए यह समझौता विशेष रूप से शराब उद्योग के लिए फायदेमंद साबित होगा। ब्रिटिश कंपनियों के लिए भारत में व्हिस्की का निर्यात आसान हो जाएगा, क्योंकि आयात शुल्क 150% से घटाकर 75% कर दिया जाएगा और धीरे-धीरे यह 40% तक आ जाएगा। डियाजियो कंपनी के अंतरिम सीईओ निक झंगियानी ने इसे स्कॉटलैंड और स्कॉच उद्योग के लिए ऐतिहासिक अवसर बताया।
सेवा क्षेत्र में भारत को मिलेगी बढ़त
यह समझौता केवल वस्तुओं के व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि सेवा क्षेत्र में भी भारत को बड़ी राहत देगा। भारतीय कंपनियों और फ्रीलांसरों को ब्रिटेन के 36 सेवा क्षेत्रों तक बिना 'आर्थिक आवश्यकता परीक्षण' के पहुंच मिलेगी। इसके अलावा, भारतीय पेशेवर ब्रिटेन में 35 क्षेत्रों में बिना स्थानीय कार्यालय के 24 महीने तक काम कर सकेंगे।
सामाजिक सुरक्षा में छूट
इस समझौते के तहत भारतीय पेशेवरों को ब्रिटेन में तीन वर्षों तक सामाजिक सुरक्षा भुगतान से छूट मिलेगी, जिससे उनके खर्च में भारी कटौती होगी।