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भारत और यूके के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता संपन्न

भारत और यूनाइटेड किंगडम ने आज एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो दोनों देशों के बीच व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखता है। इस समझौते से भारत के 99% निर्यात को ब्रिटिश बाजारों में शुल्क-मुक्त प्रवेश मिलेगा। इसके अलावा, यह समझौता सर्विस सेक्टर को भी बढ़ावा देगा, जिससे भारतीय पेशेवरों को यूके में कार्य करने में मदद मिलेगी। जानें इस समझौते के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।
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भारत और यूके के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता संपन्न

भारत और यूके के बीच ऐतिहासिक समझौता

भारत और यूनाइटेड किंगडम ने आज एक महत्वपूर्ण मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूके यात्रा के दौरान, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस डील पर भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और उनके ब्रिटिश समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड्स ने हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे "ऐतिहासिक मील का पत्थर" बताते हुए कहा, "भारत और यूके ने एक महत्वाकांक्षी और लाभकारी मुक्त व्यापार समझौता सफलतापूर्वक संपन्न किया है।"


दोनों देशों को क्या होगा फायदा

यह समझौता 2030 तक दोनों देशों के बीच व्यापार को दोगुना कर 120 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखता है। भारत के 99% निर्यात को ब्रिटिश बाजारों में शुल्क-मुक्त प्रवेश मिलेगा, जिसमें चमड़ा, जूते, वस्त्र, रत्न और आभूषण शामिल हैं। यूके की व्हिस्की और ऑटोमोबाइल पर आयात शुल्क कम होगा, जिसमें व्हिस्की और जिन पर शुल्क 150% से घटकर 75% और फिर एक दशक में 40% होगा। ऑटोमोबाइल पर शुल्क 100% से घटकर 10% होगा.


सर्विस सेक्टर को मिलेगा नया बूस्ट

यह समझौता सूचना प्रौद्योगिकी, वित्तीय सेवाओं, योग प्रशिक्षकों, शेफ और संगीतकारों जैसे पेशेवरों की गतिशीलता को बढ़ावा देगा। डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन के तहत, यूके में अस्थायी रूप से कार्यरत भारतीय पेशेवरों को सामाजिक सुरक्षा योगदान से छूट मिलेगी.


आर्थिक और सामाजिक लाभ

यह समझौता कॉस्मेटिक्स, एयरोस्पेस, मेडिकल उपकरण, और इंजीनियरिंग उत्पादों जैसे क्षेत्रों में लागत प्रभावी व्यापार को बढ़ावा देगा। 2024-25 में भारत का यूके को निर्यात 12.6% बढ़कर 14.5 बिलियन डॉलर और आयात 2.3% बढ़कर 8.6 बिलियन डॉलर रहा.