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भारत और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार समझौता: एक नई दिशा

भारत और यूरोपीय संघ के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) जल्द ही आकार ले सकता है। यूरोपीय संघ के राजदूत हेर्वे डेल्फिन ने इस समझौते को गेम चेंजर बताया है, जो दोनों पक्षों के लिए नए व्यापारिक अवसरों का द्वार खोल सकता है। 2023-24 में दोनों के बीच व्यापार का आंकड़ा 135 अरब डॉलर रहा है। आगामी वार्ता में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में मजबूती आएगी।
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भारत और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार समझौता: एक नई दिशा

भारत और ईयू के बीच महत्वपूर्ण वार्ता


भारत और यूरोपीय संघ के बीच 14वें दौर की वार्ता महत्वपूर्ण होगी


भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) जल्द ही वास्तविकता बन सकता है। हालांकि, इसके लिए कुछ भ्रांतियों को दूर करना आवश्यक है। यह जानकारी भारत में यूरोपीय संघ के राजदूत हेर्वे डेल्फिन ने दी।


डेल्फिन ने कहा कि भारत और ईयू के बीच होने वाला एफटीए और निवेश संरक्षण समझौता एक गेम चेंजर साबित हो सकता है, खासकर जब कई देश अपने बाजारों को बंद कर रहे हैं या टैरिफ बढ़ा रहे हैं। यह टिप्पणी उन्होंने तब की जब भारत और 27 देशों के इस आर्थिक समूह के बीच 14वीं बातचीत ब्रसेल्स में होने वाली है। पिछले महीने, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उसुर्ला वॉन डेर लेयेन ने इस समझौते को दिसंबर तक पूरा करने का संकल्प लिया था.


2023-24 में व्यापार आंकड़े

2023-24 में दोनों पक्षों के बीच 135 अरब डॉलर का व्यापार हुआ


डेल्फिन ने बताया कि यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, और वित्तीय वर्ष 2023-24 में दोनों के बीच व्यापार का कुल आंकड़ा 135 अरब डॉलर रहा। उन्होंने कहा कि यह समझौता यूरोपीय और भारतीय व्यापारियों के लिए नए अवसरों का द्वार खोल सकता है और द्विपक्षीय व्यापार व निवेश को बढ़ावा दे सकता है।


उन्होंने यह भी कहा कि कई देशों के बाजार बंद करने या टैरिफ बढ़ाने के बीच यह समझौता व्यापार को विविधता देने, अनिश्चितताओं से बचाव करने और सप्लाई चेन को मजबूत बनाने का अवसर प्रदान करता है। हालांकि, डेल्फिन ने स्वीकार किया कि समझौते की बातचीत चुनौतीपूर्ण है और कई महत्वपूर्ण मुद्दे अभी भी हल होने बाकी हैं।


अर्थव्यवस्थाओं का पूरक संबंध

दोनों की अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरे की पूरक


डेल्फिन ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ की अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरे को पूरक हैं और उनके बीच व्यापार व निवेश का बड़ा अवसर है। एफटीए और निवेश संरक्षण समझौता दोनों ही आर्थिक संबंधों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ विश्व की दूसरी और चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं, जिससे द्विपक्षीय व्यापार में तेजी से विकास की संभावना है।


भारत के अन्य व्यापार समझौते

भारत इन देशों से भी जल्द करेगा व्यापार समझौता


भारत और दक्षिण अमेरिका के दो देशों चिली और पेरू के बीच अगले दौर की बातचीत क्रमशः अक्तूबर और नवंबर में होगी। एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी। चिली के साथ पांच दिवसीय वार्ता 27 अक्तूबर को सैंटियागो में होगी, जबकि पेरू के साथ तीन दिवसीय बातचीत 3 नवंबर को लीमा में शुरू होगी।