भारत और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार समझौता जल्द

समझौते की उम्मीदें
दोनों पक्षों को इस साल के अंत तक समझौता होने की उम्मीद
भारत और यूरोपीय संघ के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता होने की संभावना है। अमेरिका ने यूरोपीय संघ पर दबाव डाला है कि वह भारत के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों को समाप्त करे, जबकि ईयू भारत के साथ संबंधों को बढ़ाने की दिशा में तेजी से कदम उठा रहा है।
दोनों पक्षों की इच्छा है कि इस समझौते पर बातचीत साल के अंत तक पूरी हो जाए। इस समझौते में मुख्य रूप से सामान पर टैक्स, बाजार में पहुंच और सरकारी खरीद जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। अगले कुछ हफ्तों में, भारत और ईयू के अधिकारी दिल्ली और ब्रुसेल्स में मिलेंगे, ताकि 2026 में होने वाले भारत-ईयू शिखर सम्मेलन की तैयारी की जा सके।
टैरिफ पर चर्चा
टैरिफ को लेकर भी होगी चर्चा
सूत्रों के अनुसार, ईयू के व्यापार आयुक्त मारोस सेफकोविक और कृषि आयुक्त क्रिस्टोफ हेनसेन दिल्ली का दौरा करेंगे। वे इस व्यापार समझौते पर बातचीत करेंगे। अमेरिका की टैरिफ नीतियों के कारण उत्पन्न समस्याओं को देखते हुए, यह समझौता और भी महत्वपूर्ण हो गया है। एक अधिकारी ने कहा कि टैरिफ युद्ध से समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं और सभी यह जानना चाहते हैं कि इससे कैसे बचा जाए। सेफकोविक, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से बातचीत करेंगे ताकि वार्ता में कोई रुकावट न आए।
भारत और इजरायल के बीच बीआईटी पर हस्ताक्षर
भारत और इजरायल ने किए बीआईटी पर हस्ताक्षर
भारत और इजरायल के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत किया गया है। नई दिल्ली में दोनों देशों के वित्त मंत्रियों ने आपसी निवेश को बढ़ावा देने के लिए द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता दोनों देशों के बीच निवेश को बढ़ाने में सहायक होगा।
वित्त मंत्रालय ने जानकारी दी कि भारत सरकार और इजरायल सरकार ने नई दिल्ली में द्विपक्षीय निवेश समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उनके इजरायली समकक्ष बेजालेल स्मोट्रिच ने हस्ताक्षर किए। यह समझौता भारत के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि अप्रैल 2000 से जून 2025 के बीच, भारत को इजराइल से 337.77 मिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ है।