Newzfatafatlogo

भारत और रूस के बीच रणनीतिक बैठक से बने नए कूटनीतिक समीकरण

भारत और रूस के विदेश मंत्रियों के बीच रियो डी जनेरियो में हुई बैठक ने वैश्विक कूटनीति में नए समीकरणों को जन्म दिया है। इस बैठक में द्विपक्षीय सहयोग, पश्चिम एशिया की स्थिति, ब्रिक्स का विस्तार और एससीओ पर चर्चा की गई। लावरोव की प्रस्तावित भारत यात्रा और आरआईसी त्रोइका को पुनर्जीवित करने की इच्छा भी इस बैठक का हिस्सा रही। जानें इस महत्वपूर्ण बैठक के प्रमुख मुद्दे और भविष्य की संभावनाएँ।
 | 
भारत और रूस के बीच रणनीतिक बैठक से बने नए कूटनीतिक समीकरण

भारत और रूस की महाबैठक

भारत और रूस ने एक बार फिर वैश्विक कूटनीति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण संदेश दिया है। रियो डी जनेरियो में ब्रिक्स 2025 शिखर सम्मेलन के दौरान, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच हुई बैठक ने नए समीकरणों को जन्म दिया है। सूत्रों के अनुसार, यह बैठक औपचारिक नहीं, बल्कि रणनीतिक थी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्राजील में लावरोव से मुलाकात की और इस दौरान द्विपक्षीय सहयोग, पश्चिम एशिया, ब्रिक्स और एससीओ पर चर्चा की।


लावरोव की भारत यात्रा की तैयारी

लावरोव ने ब्रिक्स समिट में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का प्रतिनिधित्व किया। सूत्रों के अनुसार, लावरोव को जून के दूसरे हफ्ते में भारत आने की योजना थी, जिसका उद्देश्य पुतिन की प्रस्तावित यात्रा की तैयारी करना था। 27 मार्च को लावरोव ने कहा था कि पुतिन की यात्रा की तैयारियाँ चल रही हैं। इस यात्रा पर चर्चा होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि, जयशंकर और लावरोव की बैठक ब्रिक्स से इतर हुई, लेकिन इसके परिणाम दूरगामी हो सकते हैं।


बैठक में चर्चा के प्रमुख मुद्दे

द्विपक्षीय सहयोग: भारत और रूस के बीच सामरिक, सैन्य, तकनीकी और ऊर्जा क्षेत्रों में गहरे संबंध हैं, और इस बैठक ने इन्हें और मजबूत किया।


पश्चिमी एशिया की स्थिति: ईरान-इजरायल तनाव और खाड़ी देशों की भूमिका पर रणनीतिक चर्चा हुई। दोनों देश क्षेत्र में स्थिरता के पक्षधर हैं।


ब्रिक्स का विस्तार: ब्रिक्स अब केवल पांच देशों तक सीमित नहीं है। नई सदस्यता के तहत ईरान, यूएई, मिस्र, इथोपिया और इंडोनेशिया शामिल हो चुके हैं।


एससीओ और वैश्विक समीकरण: भारत और रूस एससीओ के महत्वपूर्ण सदस्य हैं और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था का समर्थन करते हैं। इस वर्ष ब्रिक्स की अध्यक्षता ब्राजील के पास है, जबकि भारत 2026 में अध्यक्षता करेगा।


आरआईसी को पुनर्जीवित करने की इच्छा

रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने आरआईसी फ्रेमवर्क को पुनर्जीवित करने की इच्छा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि भारत-रूस-चीन (आरआईसी) त्रोइका को सक्रिय होना चाहिए और इस संदर्भ में पश्चिम को भी निशाने पर लिया है।