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भारत का आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अभियान: जर्मनी में प्रतिनिधिमंडल की चर्चा

भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ एक अभियान शुरू किया है। रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने जर्मनी में महत्वपूर्ण चर्चाएं कीं। पूर्व उप NSA पंकज सरन ने पाकिस्तान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि आतंकवाद से कोई लाभ नहीं होगा। उन्होंने जर्मनी के साथ भारत के संबंधों में सुधार की बात की और आतंकवाद की फंडिंग पर चर्चा की। यह यात्रा भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम है।
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भारत का आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अभियान: जर्मनी में प्रतिनिधिमंडल की चर्चा

भारत का अंतरराष्ट्रीय प्रयास

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत विभिन्न देशों में अपने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं। इस अभियान का उद्देश्य पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवाद के बारे में वैश्विक समुदाय को जागरूक करना है। रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने बेल्जियम की यात्रा पूरी करने के बाद जर्मनी का दौरा किया। यहां उन्होंने जर्मनी के संघीय विदेश मंत्री जोहान वेडफुल से मुलाकात की। इस दौरान, भारत के पूर्व उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पंकज सरन ने पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की।


जर्मनी में भारत की स्थिति

पंकज सरन ने पाकिस्तान के आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने जर्मनी में भारत के प्रतिनिधिमंडल की यात्रा की सराहना की और जर्मनी से मिले समर्थन की प्रशंसा की।


जर्मनी और भारत का रिश्ता

पंकज सरन ने कहा कि जर्मनी के साथ भारत के संबंधों में तेजी से सुधार हो रहा है। उन्होंने बताया कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद जर्मनी ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है, जिससे दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं।


आतंकवाद की फंडिंग पर चर्चा

सरन ने जर्मनी के साथ आतंकवाद की फंडिंग पर चर्चा की। उन्होंने सुझाव दिया कि जर्मनी को इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की भूमिका पर विचार करना चाहिए।


पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश

उन्होंने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया कि आतंकवाद से कोई लाभ नहीं होगा और इसे रोकने की आवश्यकता है। सरन ने कहा कि अब केवल शब्दों से काम नहीं चलेगा, बल्कि ठोस कार्रवाई की जरूरत है।