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भारत का ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक प्रहार

6 मई 2025 को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ एक निर्णायक सैन्य कार्रवाई की। इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए और 11 एयरबेस को नष्ट किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे 'कयामत की रात' कहा, जो भारत की जीरो टॉलरेंस नीति का प्रतीक है। जानें इस ऑपरेशन की पूरी कहानी, इसके पीछे के कारण और पाकिस्तान पर इसके प्रभाव।
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भारत का ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक प्रहार

भारत की ऐतिहासिक सैन्य कार्रवाई

6 मई 2025 की रात को भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान में स्थित 9 आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया। इस कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, 11 एयरबेस को तबाह किया गया, और पाकिस्तान की सैन्य शक्ति को गंभीर नुकसान पहुंचाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे 'कयामत की रात' करार देते हुए कहा कि अब पाकिस्तान इस ऑपरेशन का नाम सुनकर डर जाएगा।


सिंधु जल संधि का निलंबन

भारत ने 23 अप्रैल 2025 को पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया। यह संधि 1960 में हुई थी और पाकिस्तान को 80% पानी प्रदान करती थी। इसके निलंबन से पाकिस्तान में पानी की कमी शुरू हो गई, जो ऑपरेशन सिंदूर की तैयारी का आधार बनी।


ऑपरेशन सिंदूर का कारण

22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक की जान गई। इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और द रेसिस्टेंस फ्रंट के आतंकवादी शामिल थे। भारत ने पाकिस्तान को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया और 6 मई की रात 1:05 बजे ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की। यह कार्रवाई शहीदों की विधवाओं को न्याय दिलाने का प्रतीक बनी।


ऑपरेशन सिंदूर का संचालन

यह एक त्रि-सेना (थल, वायु, नौसेना) का संयुक्त हमला था। 24 सटीक हवाई हमले केवल 25 मिनट में किए गए।


PoK में 5 आतंकवादी ठिकाने:


मस्जिद सैयदना बिलाल (मुजफ्फराबाद)


गुलपुर ट्रेनिंग कैंप (कोटली)


सवाई नाला कैंप (मुजफ्फराबाद)


मस्जिद अहल-ए-हदीस (भिंबर)


एक अन्य अज्ञात स्थान


पाकिस्तान के पंजाब में 4 ठिकाने:


सरजाल कैंप (सियालकोट)


मेहमूना जोया (सियालकोट)


मार्कज तैबा (मुरीदके)


मस्जिद सुब्हान अल्लाह (बहावलपुर)


हथियारों की ताकत

राफेल जेट्स: SCALP मिसाइल और AASM हैमर बम का उपयोग किया गया।


ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल: दुश्मन को चकमा देने और तबाही में सक्षम।


लॉइटरिंग म्यूनिशन्स: आत्मघाती ड्रोन द्वारा सटीक हमला।


S-400 वायु रक्षा प्रणाली: पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को नाकाम किया।


विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा, 'हमने सैन्य या नागरिक ठिकानों को निशाना नहीं बनाया। हमारा लक्ष्य केवल आतंकी ढांचा था।'


पाकिस्तान को नुकसान

100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें पुलवामा और IC-814 किडनैपिंग के आरोपी भी शामिल थे।


40 नागरिकों की मौत हुई, जिनमें 7 महिलाएं और 15 बच्चे शामिल थे।


11 सैनिक मारे गए और 78 घायल हुए।


11 एयरबेस और रडार सिस्टम नष्ट हुए, विशेषकर लाहौर और गुजरांवाला क्षेत्र में।


भारत को भी नुकसान

5 सैनिक शहीद हुए, जिनमें मणिपुर के दीपक चिमंगाखम और बिहार के इम्तियाज शामिल थे।


18 नागरिक मारे गए, जिनमें अधिकांश जम्मू, राजौरी और उरी के निवासी थे।


आवासीय क्षेत्रों को नुकसान हुआ, विशेषकर LoC पर गोलीबारी में।


पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

7 से 10 मई के बीच पाकिस्तानी सेना ने एलओसी पर जबरदस्त गोलीबारी की।


12 भारतीय नागरिक और 1 सैनिक शहीद हुए।


पठानकोट और जम्मू पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए गए।


S-400 प्रणाली ने अधिकांश हमलों को विफल किया।


बठिंडा सैन्य स्टेशन पर हमले की कोशिश नाकाम हुई।


दुनिया की प्रतिक्रिया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 10 मई को युद्धविराम की घोषणा करवाई।


सऊदी, कतर, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की।


UN चार्टर के आर्टिकल 51 का हवाला देकर पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई का अधिकार मांगा।


भारत की शक्ति का प्रदर्शन

13 मई को भारत ने सैटेलाइट तस्वीरें जारी कर आतंकी ठिकानों की तबाही के सबूत पेश किए।


ब्रह्मोस और स्वदेशी ड्रोन के जरिए 'आत्मनिर्भर भारत' का प्रदर्शन किया गया।


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर अब नया सामान्य है, आतंकवाद बर्दाश्त नहीं होगा।'


ऑपरेशन सिंदूर का महत्व

ऑपरेशन सिंदूर ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत अब हर आतंकी हमले का जवाब देगा। यह जवाब तेज, सटीक और निर्णायक होगा। पाकिस्तान की सैन्य, आतंकी और कूटनीतिक हार ने साबित कर दिया कि भारत अब कोई कमजोर राष्ट्र नहीं है। जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'अब ऑपरेशन सिंदूर का नाम सुनकर पाकिस्तान कांपेगा।'