भारत का ऑपरेशन सिंदूर: ब्रह्मोस मिसाइलों से आतंकवाद पर प्रहार

भारत ने पाकिस्तान को दिया करारा जवाब
ऑपरेशन सिंदूर के तहत, भारत ने पाकिस्तान के सैन्य ढांचों और आतंकवादी ठिकानों को गंभीर नुकसान पहुंचाया। इस रणनीतिक हमले में अत्याधुनिक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का व्यापक उपयोग किया गया। इसके साथ ही, भारतीय सेना और नौसेना अब ब्रह्मोस मिसाइलों के बड़े ऑर्डर की योजना बना रही है।
ब्रह्मोस मिसाइलों की मांग में वृद्धि
रक्षा मंत्रालय के उच्च अधिकारियों के अनुसार, एक महत्वपूर्ण बैठक में भारतीय नौसेना और वायु सेना के लिए ब्रह्मोस मिसाइलों की एक बड़ी खेप की खरीद को मंजूरी दी जा सकती है। नौसेना इन मिसाइलों को अपने युद्धपोतों पर तैनात करेगी, जबकि वायु सेना इन्हें सुखोई-30 MKI जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों में शामिल करेगी। इसके अलावा, जमीनी वर्ज़न की भी खरीद की योजना है।
ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस का योगदान
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, भारत ने पाकिस्तान में स्थित जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को निशाना बनाया। विशेष रूप से पंजाब प्रांत में इन संगठनों के मुख्यालयों को ब्रह्मोस मिसाइलों के माध्यम से सटीकता से नष्ट किया गया। इसके अलावा, पाकिस्तान के वायुसेना बेस और सैन्य कैंपों पर भी प्रभावी हमले किए गए, जिससे दुश्मन को भारी नुकसान हुआ।
प्रधानमंत्री मोदी की स्वदेशी तकनीक की सराहना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश को संबोधित करते हुए स्वदेशी रक्षा तकनीक की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि दुनिया ने देखा कि भारत के निर्मित हथियार, मिसाइलें, ड्रोन और एयर डिफेंस सिस्टम कितने सक्षम हैं। विशेष रूप से, ब्रह्मोस मिसाइलों की भूमिका को सराहा गया, जिसने भारत की सैन्य ताकत और आत्मनिर्भरता को वैश्विक स्तर पर स्थापित किया।
आतंकवाद के खिलाफ भारत का स्पष्ट संदेश
इस ऑपरेशन के दौरान भारत ने स्पष्ट संदेश दिया कि आतंकवाद और उसे समर्थन देने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा। पाकिस्तान के कई आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के साथ ही भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी 'जीरो टॉलरेंस' नीति को फिर से दोहराया। इस अभियान के बाद, पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादी संगठनों की रक्षा के लिए जवाबी हमले की कोशिश की, लेकिन भारतीय वायु सेना और नौसेना ने उसे पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।
भविष्य की रणनीति में जुटा भारत
भारत न केवल अपने वर्तमान ऑपरेशन को मजबूत कर रहा है, बल्कि भविष्य के लिए भी रणनीतिक तैयारी में जुट गया है। ब्रह्मोस मिसाइलों की नई खरीद इसका प्रमाण है। रूस के सहयोग से विकसित इस मिसाइल प्रणाली को भारत तेजी से अपनी तीनों सेनाओं में शामिल कर रहा है। यह न केवल आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि भारत की रणनीतिक और सामरिक क्षमता को भी कई गुना बढ़ाता है।