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भारत का गृह मंत्रालय नए आधुनिक भवन में स्थानांतरित होने जा रहा है

भारत का गृह मंत्रालय 24 जुलाई 2025 से अपने ऐतिहासिक नॉर्थ ब्लॉक से नए और आधुनिक CCS-3 भवन में स्थानांतरित होने जा रहा है। यह कदम प्रशासनिक प्रणाली को आधुनिक बनाने और भविष्य की आवश्यकताओं के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। नॉर्थ ब्लॉक, जो भारतीय राजनीति का एक प्रतिष्ठित केंद्र रहा है, अब एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक बनेगा। नए भवन में अत्याधुनिक सुविधाएं और पर्यावरण के अनुकूल तकनीक शामिल होगी, जो मंत्रालय के कार्यों को और अधिक कुशल बनाएगी।
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भारत का गृह मंत्रालय नए आधुनिक भवन में स्थानांतरित होने जा रहा है

गृह मंत्रालय का ऐतिहासिक स्थानांतरण

दिल्ली के राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्रों से एक महत्वपूर्ण सूचना सामने आई है। भारत का गृह मंत्रालय अब अपने ऐतिहासिक ब्रिटिश-युग के नॉर्थ ब्लॉक से एक नए और आधुनिक भवन में स्थानांतरित होने की योजना बना रहा है। यह केवल एक स्थान परिवर्तन नहीं है, बल्कि यह भारत की प्रशासनिक संरचना में बदलाव का प्रतीक है।
24 जुलाई 2025 से, गृह मंत्रालय अपने पुराने नॉर्थ ब्लॉक को छोड़कर नए 'सेंट्रल सेक्रेटेरिएट कॉम्प्लेक्स - 3' (CCS-3) में कार्य करना शुरू करेगा। यह कदम देश की प्रशासनिक प्रणाली को आधुनिक बनाने और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
नॉर्थ ब्लॉक, जो नई दिल्ली के रायसीना हिल पर स्थित है, भारतीय राजनीति और प्रशासन का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। यह ब्रिटिश काल की भव्य वास्तुकला का उदाहरण है और आजादी के बाद से कई महत्वपूर्ण निर्णयों और नीतियों का गवाह रहा है। गृह मंत्रालय के साथ-साथ वित्त मंत्रालय भी इसी ऐतिहासिक भवन में कार्यरत है।
नए CCS-3 भवन को आधुनिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। इसमें अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा, बेहतर कनेक्टिविटी, पर्याप्त स्थान और नवीनतम तकनीक से लैस सुविधाएं होंगी, जो मंत्रालय के कार्यों को और अधिक कुशल बनाएंगी। यह पर्यावरण के अनुकूल भी होगा और ऊर्जा दक्षता पर भी ध्यान दिया गया है।
यह परिवर्तन सरकार की 'सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना' का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य देश की प्रशासनिक संरचना को आधुनिक बनाना और भविष्य की आवश्यकताओं के लिए तैयार करना है। गृह मंत्रालय का यह स्थानांतरण केवल एक प्रशासनिक बदलाव नहीं, बल्कि एक नए युग की शुरुआत का संकेत है, जहां भारत की प्रशासनिक क्षमताएं और दक्षता और भी बेहतर होंगी।