भारत का नया हवाई रक्षा प्रणाली 'सुदर्शन चक्र' तैयार

भारत की सुरक्षा में एक नई क्रांति
भारत की सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण और गर्व की बात सामने आई है। देश के प्रमुख सैन्य अधिकारी, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने बताया है कि भारत एक अत्याधुनिक हवाई रक्षा प्रणाली विकसित करने जा रहा है, जिसका नाम 'सुदर्शन चक्र' है। यह प्रणाली दुनिया के बेहतरीन रक्षा तंत्रों को चुनौती देगी। जनरल चौहान ने कहा कि यह भारत का अपना 'आयरन डोम' होगा, जो दुश्मन की मिसाइलों, रॉकेटों और ड्रोन को हवा में ही नष्ट कर देगा।सुदर्शन चक्र एक अदृश्य सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करेगा, जो भारत के आसमान की रक्षा करेगा। यह प्रणाली विभिन्न सेंसर, रडार, मिसाइल और निगरानी तंत्रों को एकीकृत करके काम करेगी। जब भी दुश्मन की कोई मिसाइल या ड्रोन हमारी सीमाओं में प्रवेश करने का प्रयास करेगा, यह प्रणाली उसे तुरंत पहचान लेगी और उसे नष्ट करने के लिए अपनी मिसाइलें दाग देगी।
इस प्रणाली की आवश्यकता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त को लाल किले से की गई घोषणा के बाद महसूस की गई। यह निर्णय 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और पाकिस्तानी सेना प्रमुख की भारत के बांधों को उड़ाने की धमकियों के संदर्भ में महत्वपूर्ण हो गया है। इसका उद्देश्य भारत के महत्वपूर्ण शहरों, सैन्य ठिकानों और नागरिक स्थलों को किसी भी हवाई हमले से सुरक्षित रखना है।
CDS जनरल अनिल चौहान ने बताया कि 'सुदर्शन चक्र' के निर्माण में भारत की तीनों सेनाएं (थल सेना, वायु सेना और नौसेना) मिलकर काम करेंगी। यह प्रणाली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्वांटम तकनीक जैसी आधुनिक तकनीकों से लैस होगी, जिससे यह खुद से निर्णय लेने में सक्षम होगी।
यह प्रणाली एक व्यापक निगरानी तंत्र तैयार करेगी, जो जमीन से लेकर अंतरिक्ष तक हर गतिविधि पर नजर रखेगी, ताकि दुश्मन कहीं से भी छिपकर हमला न कर सके। 'सुदर्शन चक्र' का नाम भगवान विष्णु के पौराणिक अस्त्र पर रखा गया है, जो सत्य की रक्षा के लिए बुराई का नाश करता था। यह नाम भारत की रक्षा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इजरायल का 'आयरन डोम' दुनिया का सबसे प्रसिद्ध एयर डिफेंस सिस्टम है, जो छोटे हमलों को हवा में ही नष्ट कर देता है। भारत का 'सुदर्शन चक्र' इसी तर्ज पर विकसित किया जाएगा, लेकिन यह उससे भी अधिक व्यापक और शक्तिशाली होगा, जो हर प्रकार के हवाई खतरे से देश की रक्षा करेगा।