भारत का पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन: रानी कमलापति की सुविधाएं

रानी कमलापति स्टेशन: एक नई पहचान
भारत का पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन: रानी कमलापति स्टेशन की सुविधाएं अब केवल एक नाम नहीं रह गया है, बल्कि यह बदलते भारत की पहचान बन चुका है। भोपाल का हबीबगंज स्टेशन, जिसे अब रानी कमलापति स्टेशन के नाम से जाना जाता है, PPP मॉडल (Private railway station India) के तहत पूरी तरह से नए रूप में विकसित किया गया है।
इस स्टेशन का निर्माण बंसल ग्रुप और भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम ने मिलकर किया है। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 नवंबर 2021 को किया था, और तब से यह देश की रेलवे प्रणाली में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक बन गया है।
हालांकि स्टेशन का स्वामित्व भारतीय रेलवे के पास है, लेकिन इसका संचालन एक प्राइवेट कंपनी द्वारा किया जाता है। यह मॉडल रेलवे के लिए एक प्रयोग है, जो भविष्य में अन्य स्टेशनों पर भी लागू किया जा सकता है (Indian railways privatization)।
एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं
रानी कमलापति स्टेशन की सुविधाएं यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी अनुभव प्रदान करती हैं। यहाँ पर उपलब्ध हैं:
विशाल एसी प्रतीक्षालय (AC waiting hall station)
सौर ऊर्जा से संचालित बिजली (solar powered station India)
उच्च तकनीक सुरक्षा कैमरे और सिस्टम
फूड कोर्ट और शॉपिंग स्टॉल्स (shopping at railway station)
यह स्टेशन अब भारतीय रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण का एक उत्कृष्ट उदाहरण बन गया है। नई दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद जैसे बड़े स्टेशनों को भी इसी मॉडल पर विकसित किया जाएगा (Indian Railways modernization)।
PPP मॉडल का महत्व
PPP मॉडल से रेलवे में आया बदलाव का अर्थ है पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप। इसमें सरकार और निजी कंपनियां मिलकर स्टेशन का निर्माण और संचालन करती हैं, जिससे सुविधाएं बेहतर होती हैं और यात्रियों को आधुनिक अनुभव मिलता है।
रानी कमलापति स्टेशन पर की गई मेहनत और निवेश भविष्य में रेलवे के अन्य प्रोजेक्ट्स के लिए मार्गदर्शक बन सकती है। स्टेशन का नया कोड RKMP भी यात्रियों के लिए एक नई पहचान का प्रतीक है (RKMP station code)।