Newzfatafatlogo

भारत का रूस से कच्चे तेल आयात: क्या है नई रिपोर्ट में खुलासा?

हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने सितंबर में रूस से कच्चे तेल का आयात घटाया है, लेकिन फिर भी रूस भारत के लिए एक महत्वपूर्ण ऊर्जा आपूर्तिकर्ता बना हुआ है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि चीन ने रूस से सबसे अधिक जीवाश्म ईंधन का आयात किया है। जानें इस रिपोर्ट में और क्या खुलासे हुए हैं और भारत की ऊर्जा सुरक्षा की स्थिति क्या है।
 | 
भारत का रूस से कच्चे तेल आयात: क्या है नई रिपोर्ट में खुलासा?

भारत और रूस के बीच कच्चे तेल का व्यापार


भारत का रूस से कच्चा तेल आयात: सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) द्वारा जारी की गई एक नई रिपोर्ट में बताया गया है कि सितंबर में भारत ने रूस से लगभग 25,597 करोड़ रुपये का कच्चा तेल खरीदा। इस आयात के साथ भारत, चीन के बाद, रूस का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल खरीदार बन गया है। इस दौरान, चीन ने रूस से 3.2 अरब यूरो का कच्चा तेल आयात किया, जिससे वह सबसे बड़ा जीवाश्म ईंधन आयातक बन गया है।


भारत ने कच्चे तेल के अलावा, कोयला और रिफाइंड तेल समेत कुल 3.6 अरब यूरो का जीवाश्म ईंधन रूस से आयात किया है। हालांकि, चीन के आयात की तुलना में भारत का आयात थोड़ा कम है, लेकिन ऊर्जा सुरक्षा के दृष्टिकोण से रूस भारत के लिए एक महत्वपूर्ण आपूर्ति स्रोत बना हुआ है।


भारत का रूसी तेल आयात में कमी

रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर में भारत का रूस से कच्चे तेल का आयात 9% घटकर फरवरी के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। सरकारी तेल कंपनियों द्वारा किए गए इस आयात में 38% की कमी आई है, जो मई 2022 के बाद का सबसे कम स्तर माना जा रहा है। इसके अतिरिक्त, भारत ने रूस से 45.2 करोड़ यूरो का कोयला और 34.4 करोड़ यूरो का रिफाइंड तेल भी खरीदा है।


चीन का रूस से ऊर्जा आयात

चीन हमेशा से रूस से सबसे अधिक जीवाश्म ईंधन का आयात करता रहा है, जिसमें कच्चा तेल, एलएनजी (LNG) और कोयला शामिल हैं। सितंबर में, चीन ने रूस से कुल 5.5 अरब यूरो का ईंधन आयात किया, जिसमें 78.4 करोड़ यूरो का कोयला, 65.8 करोड़ यूरो की पाइपलाइन गैस और 48.7 करोड़ यूरो का एलएनजी शामिल है। इस अवधि में भारत ने रूस से कोई गैस का आयात नहीं किया।


अमेरिकी प्रशासन का दबाव

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने भारत पर रूस से तेल आयात कम करने का दबाव डाला था। इसके तहत वॉशिंगटन ने भारतीय निर्यातों पर 25% अतिरिक्त शुल्क भी लगाया, जबकि अन्य देशों के खिलाफ ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई।


अन्य देशों की स्थिति

रूस से ऊर्जा आयात में तुर्किये तीसरे स्थान पर है, जिसने 2.6 अरब यूरो का जीवाश्म ईंधन रूस से खरीदा। हालांकि, यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद डीजल उत्पादन में कमी के कारण तुर्किये का परिष्कृत तेल आयात 27% घट गया। यूरोपीय संघ ने रूस से 74.3 करोड़ यूरो का एलएनजी और पाइपलाइन गैस तथा 31.1 करोड़ यूरो का कच्चा तेल खरीदा। दक्षिण कोरिया ने कुल 28.3 करोड़ यूरो का आयात कर पांचवां स्थान प्राप्त किया है।


भारत के लिए ऊर्जा सुरक्षा का स्रोत

हालांकि भारत का रूस से कच्चे तेल का आयात कम हुआ है, लेकिन ऊर्जा सुरक्षा और सस्ते क्रूड की आवश्यकता के कारण रूस अभी भी भारत का प्रमुख तेल आपूर्तिकर्ता बना हुआ है। यह स्थिति आने वाले महीनों में भी बनी रहने की संभावना है।