भारत का स्वच्छता अभियान 5.0: नए मानक और आर्थिक लाभ
                           
                        नई दिल्ली में स्वच्छता मिशन की सफलता
नई दिल्ली: भारत के स्वच्छता मिशन ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि स्वच्छता विशेष अभियान 5.0 ने स्वच्छता और दक्षता के क्षेत्र में नए रिकॉर्ड बनाए हैं, जिसमें 2021 से कबाड़ सामग्री बेचकर ₹4,085 करोड़ की कमाई की गई है।
जितेंद्र सिंह ने X पर एक पोस्ट में कहा, 'स्वच्छता विशेष अभियान 5.0 ने नए मानक स्थापित किए हैं। यह सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान है, जिसने कबाड़ के निपटान से ₹4,085 करोड़ का राजस्व अर्जित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद, जिन्होंने देश में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाई।'
स्वच्छता अभियान 5.0 का विवरण
यह विशेष अभियान 15 सितंबर, 2025 को प्रारंभ हुआ और 31 अक्टूबर, 2025 को समाप्त होगा। यह विभिन्न सरकारी विभागों, विशेषकर दूरसंचार विभाग (DoT) और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) में चलाया गया। विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार, अभियान को दो चरणों में विभाजित किया गया था:
- प्रारंभिक चरण (15-30 सितंबर): विभागों ने साफ किए जाने वाले अभिलेखों और कबाड़ की पहचान की।
 - कार्यान्वयन चरण (2-31 अक्टूबर): वास्तविक स्वच्छता अभियान और अभिलेख प्रबंधन गतिविधियां संचालित की गईं।
 
विदेश मंत्रालय ने सभी भारतीय मिशनों और क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालयों को निम्नलिखित कार्यों में भाग लेने का निर्देश दिया:
- कार्यालयों की सफाई और पुनर्गठन।
 - पुरानी जन शिकायतों का समाधान।
 - सांसदों और राज्य सरकारों के साथ लंबित कार्यों का निपटारा।
 - कार्यस्थलों का सौंदर्यीकरण।
 
अभियान का मुख्य उद्देश्य
इस वर्ष के अभियान का मुख्य ध्यान इलेक्ट्रॉनिक कचरे (ई-कचरा) के सुरक्षित निपटान पर था। मंत्रालयों को पुराने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के जिम्मेदारी से पुनर्चक्रण के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस अभियान में स्वच्छता और जिम्मेदारी का संदेश फैलाने के लिए भारतीय दूतावासों में जागरूकता कार्यक्रम भी शामिल थे।
कुल मिलाकर, स्वच्छता विशेष अभियान 5.0 भारत की स्वच्छ शासन, पर्यावरण संरक्षण और कुशल प्रशासन के प्रति बढ़ती प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जो यह दर्शाता है कि स्वच्छता राष्ट्र के लिए आर्थिक मूल्य भी उत्पन्न कर सकती है।
