भारत की 16वीं जनगणना की अधिसूचना जारी, जातिवार आंकड़े भी होंगे शामिल

भारत की 16वीं जनगणना का ऐलान
केंद्र सरकार ने सोमवार को 16वीं जनगणना के लिए अधिसूचना जारी की है, जिसमें जातिवार जनगणना भी शामिल है। यह जनगणना 2026-2027 में आयोजित की जाएगी और इसके लिए 13,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। नागरिकों से 36 प्रकार के प्रश्न पूछे जाएंगे, जिनमें नाम, लिंग, आयु, जन्मतिथि, वैवाहिक स्थिति, घर के मुखिया से संबंध, शिक्षा, रोजगार, यात्रा आदि शामिल हैं। यह भारत की 16वीं और स्वतंत्रता के बाद की 8वीं जनगणना है। संविधान के अनुच्छेद 246 के तहत जनगणना केंद्र की सूची में 69वां विषय है। जनगणना समाज के विभिन्न वर्गों के बारे में जानकारी एकत्र करने की प्रक्रिया है। इस बार आजादी के बाद पहली बार मुख्य जनगणना के हिस्से के रूप में जातियों को भी दर्ज किया जाएगा। इससे पहले, ब्रिटिश शासन के दौरान 1881 से 1931 के बीच व्यापक जातिवार जनगणना की गई थी.सांख्यिकी का उपयोग कैसे होगा- 2028 में निर्वाचन क्षेत्र पुनर्गठन के लिए।- 2029 के लोकसभा चुनावों से पहले आरक्षित सीटों की स्थिति निर्धारित करने के लिए।- महिला आरक्षण को लागू करने में मदद मिलेगी।
कौन से प्रश्न पूछे जाएंगे? नागरिकों को उपलब्ध सुविधाएं, घर में कितने लोग हैं, क्या आपका अपना घर है, क्या यह पक्का है या कच्चा, आपकी सामाजिक और आर्थिक जानकारी, मोबाइल ऐप और स्व-गणना विकल्प, क्या आप मोबाइल और इंटरनेट का उपयोग करते हैं, आपके पास किस प्रकार का वाहन है, क्या पानी नल से आता है या अन्य स्रोतों से, क्या कोई महिला घर की मालकिन है, क्या आप अनुसूचित जाति/जनजाति से हैं, और धर्म, जाति, उपजाति के बारे में भी पूछा जाएगा।
कितने कर्मचारी शामिल होंगे? देश की 16वीं जनगणना में कुल 100 राष्ट्रीय प्रशिक्षक, 45,000 फील्ड प्रशिक्षक, 1,800 मास्टर प्रशिक्षक और कुल 35 लाख कर्मचारी भाग लेंगे।
जनगणना कब शुरू होगी? पहले चरण की शुरुआत 1 अक्टूबर, 2026 से जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल, उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्रों में होगी। दूसरे चरण की शुरुआत 1 मार्च, 2027 से शेष भारत में होगी।