भारत की 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेज़बानी: अहमदाबाद को मिली प्राथमिकता

भारत ने 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेज़बानी के लिए दी हरी झंडी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 27 अगस्त को 2030 राष्ट्रमंडल खेलों (CWG) की मेज़बानी के लिए भारत की आधिकारिक बोली को स्वीकृति प्रदान की है। यह निर्णय भारत की वैश्विक खेल आयोजनों की मेज़बानी की महत्वाकांक्षा को एक नई दिशा देने वाला माना जा रहा है। सरकार ने न केवल बोली प्रक्रिया को मंजूरी दी, बल्कि मेज़बानी सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर करने और गुजरात सरकार को वित्तीय सहायता का आश्वासन भी दिया है, यदि भारत को मेज़बानी का अवसर मिलता है।
अहमदाबाद: संभावित मेज़बान शहर
अहमदाबाद को चुना गया संभावित मेजबान
इस खेल महाकुंभ के लिए अहमदाबाद को संभावित मेज़बान शहर के रूप में चुना गया है। शहर का उत्कृष्ट बुनियादी ढांचा, प्रशिक्षण सुविधाएं और खेल संस्कृति इसे एक आदर्श स्थान बनाती हैं। नरेंद्र मोदी स्टेडियम पहले ही 2023 क्रिकेट विश्व कप जैसे बड़े आयोजनों की सफल मेज़बानी कर चुका है।
72 देशों की भागीदारी की संभावना
72 देशों की भागीदारी
2030 राष्ट्रमंडल खेलों में 72 देशों और क्षेत्रों के भाग लेने की संभावना है। इससे न केवल देश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि खेल, निर्माण, आतिथ्य, परिवहन और अन्य क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार और व्यावसायिक अवसर भी उत्पन्न होंगे।
हटाए गए खेलों की वापसी का प्रयास
हटाए गए खेलों की वापसी का प्रयास
भारत ने पूर्ण राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन की योजना बनाई है। देश उन खेलों को पुनः शामिल करने की कोशिश करेगा, जिन्हें 2026 के CWG से हटाया गया था। इनमें हॉकी, क्रिकेट, बैडमिंटन, कुश्ती, टेबल टेनिस, डाइविंग, रग्बी सेवन्स, बीच वॉलीबॉल, माउंटेन बाइकिंग, स्क्वैश और रिदमिक जिम्नास्टिक शामिल हैं।
ओलंपिक की दिशा में एक कदम
ओलंपिक की दिशा में एक कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही 2036 ओलंपिक खेलों की मेज़बानी की इच्छा जता चुके हैं। इस संदर्भ में 2030 के CWG जैसे बहु-खेल आयोजनों की सफल मेज़बानी भारत के लिए एक सशक्त प्रमाण बनेगी। यह भारत की वैश्विक खेल मंच पर बढ़ती उपस्थिति को और मजबूती प्रदान करेगा।
पिछला अनुभव
पिछला अनुभव
भारत में आखिरी बार 2010 में दिल्ली में CWG गेम आयोजित हुए थे। इससे पहले 1982 में दिल्ली ने एशियाई खेलों की मेज़बानी की थी। भारत अब भुवनेश्वर और अहमदाबाद में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2029 व 2031 के लिए भी बोली लगाने की तैयारी में है।
CGF की चुनौतियां
CGF की चुनौतियां
राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (CGF) को हाल के वर्षों में आयोजकों की कमी का सामना करना पड़ा है। ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया द्वारा 2026 की मेज़बानी से हटने के बाद स्थिति और गंभीर हो गई। भारत की यह पहल न केवल आयोजन को स्थिरता देगी, बल्कि वैश्विक खेल मंच पर एक जिम्मेदार मेज़बान के रूप में भारत की छवि को और निखारेगी।