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भारत की 6G महत्वाकांक्षा: वैश्विक पेटेंट में 10% हिस्सेदारी का लक्ष्य

भारत की डिजिटल योजनाएँ 5G से आगे बढ़ रही हैं, और सरकार ने 6G पेटेंट में 10% हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य रखा है। संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 में बताया कि भारत अब तकनीक के क्षेत्र में एक सक्रिय नवप्रवर्तक बन रहा है। उपग्रह संचार में तेजी से विकास हो रहा है, और भारत की महत्वाकांक्षा इसे वैश्विक तकनीकी नेतृत्व की ओर ले जा रही है। जानें इस नई रणनीति के बारे में और कैसे भारत डिजिटल रूप से कुशल ताकत बनने की दिशा में अग्रसर है।
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भारत की 6G महत्वाकांक्षा: वैश्विक पेटेंट में 10% हिस्सेदारी का लक्ष्य

भारत की डिजिटल प्रगति

भारत की डिजिटल योजनाएँ 5G से आगे बढ़ रही हैं, और सरकार ने वैश्विक 6G पेटेंट में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य रखा है। संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 8 अक्टूबर को दिल्ली में इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 में यह जानकारी दी।


सिंधिया ने बताया कि भारत अब तकनीक को केवल अपनाने वाला नहीं, बल्कि वैश्विक मानकों को आकार देने वाला एक सक्रिय नवप्रवर्तक बन रहा है। उन्होंने उद्योग से आग्रह किया कि "यहाँ डिज़ाइन करें, यहाँ समाधान करें और हर जगह विस्तार करें"। मंत्री ने कहा, "वह दिन दूर नहीं जब लोग कहेंगे कि दुनिया भारत पर निर्भर है।" यह टिप्पणी भारत की डिजिटल रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाती है, जो बौद्धिक संपदा, उन्नत विनिर्माण और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता पर केंद्रित है।


6G अलायंस और उपग्रह संचार

सरकार समर्थित भारत 6G अलायंस अगली पीढ़ी के दूरसंचार पेटेंट के एक महत्वपूर्ण हिस्से को लक्षित कर रहा है। भारत अब वैश्विक नवाचार में एक सक्रिय भागीदार के रूप में उभर रहा है। जैसे-जैसे 6G के लिए वैश्विक दूरसंचार मानक आकार ले रहे हैं, भारत की भागीदारी एक प्रौद्योगिकी अग्रणी के रूप में इसके विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है। उपग्रह संचार, या सैटकॉम, इस रणनीति का एक प्रमुख स्तंभ बन रहा है।


सिंधिया ने बताया कि वर्तमान में लगभग 4 अरब अमेरिकी डॉलर का संयुक्त दूरसंचार और प्रसारण सैटकॉम बाजार 2033 तक लगभग चार गुना बढ़कर 15 अरब अमेरिकी डॉलर होने की उम्मीद है।


भारत का आत्मनिर्भरता का सफर

सिंधिया ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) 2025 में अपने संबोधन में कहा कि भारत आज वैश्विक मंच पर एक डिजिटल अगुवा के रूप में उभर रहा है। उन्होंने भारत के आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में बदलाव का उल्लेख करते हुए कहा, "वह दिन दूर नहीं जब लोग कहेंगे कि दुनिया, भारत पर निर्भर है।"


उन्होंने कहा, "मैं आप सभी से अपील करता हूं कि यहाँ तैयार करें, यहाँ समाधान करें... भारत नवोन्मेष करता है और दुनिया बदलती है।" उपग्रह संचार में विस्तार हो रहा है, जो जमीन से समुद्र और अंतरिक्ष तक संपर्क सुविधा को आगे बढ़ा रहा है।


भारत की 6G योजना

सिंधिया ने कहा कि दूरसंचार और प्रसारण क्षेत्र में उपग्रह संचार बाजार लगभग चार अरब डॉलर का है, जो 2033 तक तीन गुना बढ़कर लगभग 15 अरब डॉलर हो जाएगा। इस पूरी क्रांति के केंद्र में हमारे लोग हैं। आने वाले दिनों में भारत, दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल रूप से कुशल ताकत बनने जा रहा है।


उन्होंने कहा कि भारत की महत्वाकांक्षा 5G से भी आगे है। भारत 6G गठबंधन का लक्ष्य 10 प्रतिशत पेटेंट हासिल करना है। 6G के लिए मानक तय किए जा रहे हैं।


सिंधिया ने कहा, "भारत अब एक उत्पाद बनाने वाला देश है, न कि केवल सेवा उपलब्ध कराने वाला राष्ट्र।"


उन्होंने बताया कि पीएलआई योजना (उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन योजना) के परिणामस्वरूप आज लगभग 91,000 करोड़ रुपये का नया उत्पादन हुआ है, 18,000 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ है और 30,000 नए रोजगार सृजित हुए हैं।