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भारत की अपील: अफगानिस्तान में आतंकवाद पर रोकथाम के लिए वैश्विक सहयोग की आवश्यकता

भारत ने अफगानिस्तान में आतंकवाद पर नियंत्रण के लिए वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया है। भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र में चेतावनी दी कि पाकिस्तान आधारित आतंकवादी संगठन अफगानिस्तान का उपयोग न करें। भारत ने मानवीय सहायता में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसमें भूकंप के बाद तात्कालिक सहायता शामिल है। जानें भारत की सक्रियता और अफगान लोगों के विकास के प्रति प्रतिबद्धता के बारे में।
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भारत की अपील: अफगानिस्तान में आतंकवाद पर रोकथाम के लिए वैश्विक सहयोग की आवश्यकता

भारत और अफगानिस्तान के संबंध

भारत-अफगानिस्तान संबंध: भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया है कि वह सुनिश्चित करे कि पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी संगठन जैसे लश्कर-ए-तैय्यबा और जैश-ए-मोहम्मद अफगानिस्तान की भूमि का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए न करें। यह चेतावनी भारत ने संयुक्त राष्ट्र में दी, जहां भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत परवथानेनी हरिश ने बुधवार को अफगानिस्तान पर आयोजित सुरक्षा परिषद की बैठक में यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत और अफगानिस्तान का संबंध सभ्यता और सांस्कृतिक गहराई से जुड़ा हुआ है, और भारत की इच्छा है कि अफगानिस्तान में शांति और विकास बना रहे।


आतंकवाद पर नियंत्रण के लिए वैश्विक सहयोग

आतंक पर लगाम के लिए वैश्विक सहयोग जरूरी

राजदूत हरिश ने कहा कि पूरी दुनिया को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि आईएसआईएस, अल-कायदा, लश्कर-ए-तैय्यबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठन अफगानिस्तान को आतंक फैलाने का केंद्र न बना सकें। उन्होंने पाकिस्तान का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया, लेकिन उनके बयान में स्पष्ट संकेत था। भारत का मानना है कि अफगानिस्तान की स्थिरता के लिए क्षेत्रीय और वैश्विक सहमति अत्यंत आवश्यक है।


भारत की सक्रियता

भारत की सक्रिय भूमिका

हरिश ने बताया कि भारत इस दिशा में लगातार सक्रिय है। दोहा में संयुक्त राष्ट्र की बैठकों से लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर की अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी से हुई बातचीत तक, भारत हर मंच पर सहयोग कर रहा है। भारत ने अफगानिस्तान की ओर से पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करने का स्वागत भी किया।


मानवीय सहायता में भारत की भूमिका

मानवीय मदद में हमेशा आगे भारत

राजदूत हरिश ने कहा कि हालिया भूकंप के बाद भारत ने तुरंत अफगानिस्तान को मानवीय सहायता भेजी। भारत ने 1,000 परिवारों के लिए तंबू और 15 टन खाद्य सामग्री, साथ ही 21 टन दवाइयां, कंबल और जनरेटर भेजे। अगस्त 2021 में तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद से भारत ने अफगानिस्तान को 50,000 टन गेहूं, 330 टन दवाइयां और टीके, 40,000 लीटर कीटनाशक और अन्य आवश्यक सामान उपलब्ध कराया। भारत ने संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर महिलाओं और नशा मुक्ति कार्यक्रमों के लिए भी 84 टन दवाइयां और 32 टन सामाजिक सहायता सामग्री भेजी।


अफगान लोगों के विकास के प्रति प्रतिबद्धता

अफगान लोगों की प्रगति के लिए प्रतिबद्ध

हरिश ने दोहराया कि भारत अफगान लोगों की प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है। भारत ने अफगानिस्तान के सभी प्रांतों में 500 से अधिक विकास परियोजनाएं पूरी की हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब अफगानिस्तान के लिए पुरानी नीतियों से काम नहीं चलेगा। नई नीतियों और साझेदारी के माध्यम से गरीबी, बीमारी और भुखमरी से अफगान लोगों को बाहर निकालने की आवश्यकता है। भारत ने स्पष्ट किया कि वह सभी पक्षों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है ताकि अफगानिस्तान में शांति, स्थिरता और समृद्धि स्थापित हो सके.