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भारत की अर्थव्यवस्था: तीसरे स्थान की ओर बढ़ता देश

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में भारत की आर्थिक प्रगति पर संतोष व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि भारत जल्द ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने 2.5 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने की उपलब्धि का भी जिक्र किया। इसके अलावा, उन्होंने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल करने का भरोसा जताया। जानें और क्या कहा वित्त मंत्री ने इस महत्वपूर्ण संबोधन में।
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भारत की अर्थव्यवस्था: तीसरे स्थान की ओर बढ़ता देश

वित्त मंत्री का बयान


कहा, हमारा देश आर्थिक मजबूती के कारण अपने पैरों पर खड़ा


भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में देश की विकास दर पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत ने तेजी से प्रगति की है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत जल्द ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है।


दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में छात्रों को संबोधित करते हुए, उन्होंने बताया कि भारत अपनी आर्थिक मजबूती के कारण आत्मनिर्भर हो रहा है। उन्होंने कहा, "हमारी प्रगति 2014 में दसवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से चौथी और अब संभवतः तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर है।"


गरीबी उन्मूलन की दिशा में कदम

2.5 करोड़ लोग घोर गरीबी से बाहर निकले


वित्त मंत्री ने यह भी दावा किया कि 2.5 करोड़ लोगों को घोर गरीबी से बाहर निकाला गया है। उन्होंने कहा कि भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है और जल्द ही यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।


राजकोषीय घाटे का लक्ष्य

सरकार राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल करेगी


सीतारमण ने आश्वासन दिया कि सरकार चालू वित्त वर्ष के लिए 4.4 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को प्राप्त कर लेगी। केंद्र का अनुमान है कि 2025-26 के दौरान राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.4 प्रतिशत या 15.69 लाख करोड़ रुपये होगा।


उन्होंने यह भी बताया कि सरकार 2.5 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकालने में सफल रही है। बैंकिंग क्षेत्र में सुधार की बात करते हुए, उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की बैलेंस शीट में पिछले 7-8 वर्षों की तुलना में काफी सुधार हुआ है।