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भारत की अर्थव्यवस्था पर अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों का भरोसा बढ़ा

भारत की अर्थव्यवस्था ने हाल ही में जापान की रेटिंग एजेंसी से सकारात्मक रेटिंग प्राप्त की है, जो इसे विदेशी निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाती है। अमेरिका द्वारा लगाए गए उच्च टैरिफ का दीर्घकालिक प्रभाव नहीं पड़ रहा है, और भारत की विकास दर वैश्विक औसत से अधिक रहने की उम्मीद है। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का जनसांख्यिकीय लाभ निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण आधार है। जानें इस विषय में और क्या कुछ खास है।
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भारत की अर्थव्यवस्था पर अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों का भरोसा बढ़ा

जापान की एजेंसी ने भारत की रेटिंग में किया सुधार


भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार की दिशा में एक और कदम


India GDP (बिजनेस डेस्क): वर्तमान में, विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही हैं, जिसमें भारत भी शामिल है। हालाँकि, हाल के समय में भारत की अर्थव्यवस्था ने विकासशील और विकसित देशों की तुलना में तेजी से प्रगति की है। यही कारण है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए उच्च टैरिफ का भारत की अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालिक प्रभाव नहीं पड़ता दिखाई दे रहा है।


अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों ने भी इस बात को स्वीकार किया है। पहले अमेरिका की रेटिंग एजेंसी ने भारत की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ को सकारात्मक अंक दिए थे, और अब जापान की एजेंसी ने भी भारत की रेटिंग में सुधार किया है।


आरएंडआई द्वारा दी गई नई रेटिंग

जापान की रेटिंग एंड इन्वेस्टमेंट इन्फॉर्मेशन इंक. (आर एंड आई) ने हाल ही में भारत की विदेशी मुद्रा जारीकर्ता रेटिंग को स्थिर दृष्टिकोण के साथ बीबीबी से बीबीबी+ में बढ़ा दिया है। एजेंसी ने मजबूत घरेलू मांग, राजकोषीय अनुशासन और बेहतर बाहरी स्थिरता का हवाला देते हुए देश की अल्पकालिक ऋण रेटिंग को ए-2 पर बनाए रखा है। यह वर्ष में किसी संप्रभु क्रेडिट रेटिंग एजेंसी द्वारा किया गया तीसरा सकारात्मक बदलाव है। इससे पहले, एसएंडपी ने अगस्त 2025 में भारत की रेटिंग को बीबीबी- से बढ़ाकर 'बीबीबी' कर दिया था।


इसके अलावा, मॉर्निंगस्टार डीबीआरएस ने मई 2025 में भारत की रेटिंग को बीबीबी लो से 'बीबीबी' में सुधार किया था।


विदेशी निवेशकों के लिए भारत का आकर्षण

वैश्विक जीडीपी की सुस्त गति और चीन में बढ़ती भू-राजनीतिक चिंताओं के बीच, भारत विदेशी निवेशकों के लिए एक नई उम्मीद बनकर उभरा है। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में भारत को एशिया का निवेश चुंबक बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि नीतिगत स्थिरता और पारदर्शिता को बनाए रखा जाए, तो भारत विदेशी निवेश का नया ग्रोथ इंजन बन सकता है।


भारत की विकास दर अगले पांच वर्षों तक वैश्विक औसत से अधिक रहने की संभावना है। युवा जनसंख्या और मजबूत उपभोक्ता बाजार भारत की सबसे बड़ी संपत्ति हैं। फाइनेंशियल टाइम्स ने उल्लेख किया है कि भारत का जनसांख्यिकीय लाभ निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण आधार है, जो चीन में घट रहा है।