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भारत की अर्थव्यवस्था में खपत बढ़ाने के लिए बहुआयामी रणनीति: वित्त मंत्री

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए एक बहुआयामी रणनीति का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि नई आयकर छूट, जीएसटी में कटौती, और विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उपभोग को बढ़ाने के उपाय किए जा रहे हैं। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में संतुलित विकास पर जोर दिया जा रहा है, जिससे आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। जानें इस रणनीति के प्रमुख पहलुओं के बारे में।
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भारत की अर्थव्यवस्था में खपत बढ़ाने के लिए बहुआयामी रणनीति: वित्त मंत्री

वित्त मंत्री का बयान

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में जानकारी साझा करते हुए बताया कि सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था में खपत को बढ़ावा देने के लिए एक बहुआयामी रणनीति अपनाई है। इस रणनीति में मांग को समर्थन देने वाले उपाय, आय बढ़ाने वाली सप्लाई साइड रणनीतियाँ और संरचनात्मक सुधार शामिल हैं।


आयकर छूट और अन्य उपाय

लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने कहा कि 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर नई आयकर छूट, जीएसटी दर में कमी, और व्यवसाय करने में आसानी को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए गए हैं। इसके अलावा, स्किलिंग, रोजगार सृजन, और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए योजनाएँ भी लागू की गई हैं।


शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोग

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने ग्रामीण और शहरी उपभोग वृद्धि में संतुलन बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित किया है। शहरी क्षेत्रों में आजीविका और स्किलिंग कार्यक्रम, कर में राहत, और डिजिटल भुगतान का विस्तार उपभोग को बढ़ा रहा है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में पीएम-किसान, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, और अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से आय वृद्धि सुनिश्चित की जा रही है।


उपभोग मांग का प्रभाव

सीतारमण ने कहा कि मजबूत उपभोग मांग घरेलू आय को समर्थन देती है, निजी निवेश को प्रोत्साहित करती है, और आर्थिक विकास को सहारा देती है। इससे समग्र आर्थिक गतिविधियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।


जीडीपी वृद्धि का अनुमान

वित्त मंत्री ने आगे बताया कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी में निजी अंतिम उपभोग व्यय का हिस्सा 62.5 प्रतिशत हो गया है। यह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 62.2 प्रतिशत से अधिक है। इसके साथ ही, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।