भारत की आतंकवाद विरोधी नीति: जयशंकर का कड़ा संदेश और ऑपरेशन सिंदूर

जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमला
S Jaishankar: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान गई और 20 से अधिक लोग घायल हुए। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इस हमले को पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटे 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' (TRF) से जोड़ा। इस घटना के बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत 6 और 7 मई की रात पाकिस्तान और POK में 9 आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिसमें कई आतंकवादी मारे गए और उनके ठिकाने नष्ट हो गए.
जयशंकर की चेतावनी
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ब्रुसेल्स में यूरोपीय संघ के साथ व्यापार वार्ता के दौरान बेल्जियम के एक समाचार पत्र को दिए साक्षात्कार में पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो आतंकवाद को अपनी सरकारी नीति का हिस्सा बनाता है। यदि वे पाकिस्तान में गहराई तक घुसे हैं, तो हम भी वहां गहराई तक जाएंगे।' जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ 'शून्य सहिष्णुता' की नीति पर अडिग है और भविष्य में किसी भी आतंकी हमले पर भारत पाकिस्तान के भीतर कहीं भी जवाबी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगा.
ऑपरेशन सिंदूर भारत की ताकत का प्रतीक
जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत ने राफेल लड़ाकू विमानों और मिसाइलों के माध्यम से पाकिस्तान के 8 प्रमुख सैन्य हवाई अड्डों को नष्ट कर दिया। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तानी पक्ष में नष्ट हुए हवाई क्षेत्र मेरे लिए संतोष का सबूत हैं। गूगल पर उपलब्ध उपग्रह तस्वीरें इसकी पुष्टि करती हैं।' इस कार्रवाई ने पाकिस्तान को 10 मई 2025 को युद्धविराम की मांग करने पर मजबूर कर दिया। विदेश मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह युद्धविराम अस्थायी है और यदि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देना जारी रखता है, तो भारत फिर से कड़ा जवाब देगा.
जयशंकर का मास्टर प्लान
जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीति को मजबूत करने के लिए मध्य एशियाई देशों (कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और तुर्कमेनिस्तान) के साथ सुरक्षा सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इन देशों को अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र से आतंकवादी खतरों का सामना करना पड़ता है। जयशंकर ने इन देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात कर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट नेटवर्क बनाने की बात की। उन्होंने कहा कि भारत अपनी राष्ट्रीय मुद्रा में व्यापार को बढ़ावा देकर अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करेगा, जिससे क्षेत्रीय सहयोग मजबूत होगा.