भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति में नया अध्याय: अमित शाह का बड़ा बयान
आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को बताया कि भारत ने 2025 में आतंकवाद के खिलाफ अपनी रणनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ लिया है। उन्होंने कहा कि पहली बार देश ने आतंकवादी हमलों की साजिश करने वालों और उन्हें अंजाम देने वालों के खिलाफ अलग-अलग लक्षित अभियानों के माध्यम से कठोर कदम उठाए हैं।
शून्य सहिष्णुता की नीति
शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कदम भारत की आतंकवाद के प्रति 'शून्य सहिष्णुता' नीति को मजबूती से दर्शाता है। नई दिल्ली में आयोजित 'आतंकवाद विरोधी सम्मेलन–2025' में बोलते हुए, उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव की सराहना की। इन अभियानों के जरिए पाकिस्तान में स्थित आतंकवादियों को एक स्पष्ट संदेश दिया गया है। यह पहली बार है जब किसी आतंकी घटना में साजिशकर्ताओं को दंडित किया गया है।
ऑपरेशन सिंदूर और महादेव
गृह मंत्री ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के कुछ दिनों बाद मई में की गई थी। जुलाई में, ऑपरेशन महादेव के तहत पहलगाम हमले में शामिल आतंकवादियों को समाप्त किया गया।
पहलगाम हमले का विश्लेषण
22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए हमले का जिक्र करते हुए, अमित शाह ने कहा कि इस घटना में 26 लोगों की जान गई थी। इसका उद्देश्य कश्मीर में सांप्रदायिक सौहार्द को बाधित करना और विकास तथा पर्यटन को प्रभावित करना था। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों ने सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई करते हुए हमले में शामिल तीन आतंकियों को ढेर कर दिया।
आतंकवाद के बदलते स्वरूप पर चिंता
सम्मेलन के दौरान, गृह मंत्री ने आतंकवाद के बदलते स्वरूप पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि तकनीक के बढ़ते उपयोग ने आतंकवादी गतिविधियों को और जटिल बना दिया है, इसलिए एजेंसियों को हमेशा एक कदम आगे रहना होगा। इसके लिए बेहतर समन्वय, सटीक खतरा मूल्यांकन और खुफिया जानकारी साझा करने की आवश्यकता है।
एकीकृत आतंकवाद-रोधी दस्ते की आवश्यकता
उन्होंने देशभर में एक समान आतंकवाद-रोधी दस्ते (ATS) की संरचना लागू करने की आवश्यकता बताई और सभी राज्यों से इसे शीघ्र अपनाने का आग्रह किया। इसके साथ ही, एनआईए द्वारा तैयार की गई अद्यतन अपराध नियमावली और संगठित अपराध तथा हथियारों के ई-डेटाबेस का शुभारंभ भी किया गया।
भारत की चुनौतियाँ और आतंकवाद-रोधी तंत्र
अंत में, अमित शाह ने कहा कि भारत की बढ़ती आर्थिक प्रगति के साथ चुनौतियाँ भी बढ़ेंगी। सभी केंद्रीय और राज्य एजेंसियों को 'टीम इंडिया' की भावना से काम करते हुए एक मजबूत और अभेद्य आतंकवाद-रोधी तंत्र स्थापित करना होगा।
