भारत की ओवल टेस्ट में ऐतिहासिक जीत के 5 प्रमुख कारण

भारत की ओवल टेस्ट में जीत का कारण
भारत की ओवल टेस्ट में जीत: भारत ने ओवल टेस्ट को 6 रनों के बेहद करीबी अंतर से जीतकर इतिहास रच दिया है। यह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में भारत की सबसे छोटी जीत है। एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी 2-2 से बराबर रही। पहले पारी में 224 रनों पर सिमटने से लेकर 6 रनों की जीत तक, इस पांचवे टेस्ट में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ घटीं। आइए जानते हैं वो 5 कारण जिनकी वजह से भारतीय टीम ने ओवल टेस्ट में सफलता हासिल की।
जायसवाल का अहम योगदान
यशस्वी जायसवाल ने ओवल टेस्ट से पहले 8 पारियों में 323 रन बनाए थे, लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ पिछली 6 पारियों में उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। अंततः, उन्होंने पहली पारी में शतक जड़कर अपनी फॉर्म में वापसी की, जब इंग्लैंड ने 23 रनों की बढ़त बनाई थी। दूसरी पारी में, जायसवाल ने 118 रन बनाकर भारत को 396 रनों तक पहुँचाया।
बल्लेबाजी में गहराई का महत्व
इस सीरीज़ में भारतीय टीम ने बल्लेबाजी में गहराई की रणनीति अपनाई। पहली पारी में भारत ने 153 रनों पर 6 विकेट खो दिए थे, लेकिन अंतिम 4 विकेटों ने 71 रन जोड़कर भारत को 224 के सम्मानजनक स्कोर तक पहुँचाया। दूसरी पारी में वाशिंगटन सुंदर ने 53 रनों की पारी खेलकर भारत का स्कोर 400 के करीब पहुँचाया। यदि सुंदर की पारी नहीं होती, तो इंग्लैंड को 330-340 का लक्ष्य मिल सकता था।
गेंदबाजी का सहयोग
आमतौर पर भारत का मुख्य गेंदबाज अच्छा प्रदर्शन करता है, लेकिन उसे सहयोग नहीं मिलता। ओवल टेस्ट में, मोहम्मद सिराज ने कप्तानी करते हुए 9 विकेट लिए, जबकि प्रसिद्ध कृष्णा ने 8 विकेट लेकर उनका पूरा साथ दिया।
नई गेंद का न लेना
ओवल टेस्ट के अंतिम दिन इंग्लैंड को जीत के लिए केवल 35 रनों की आवश्यकता थी। पांचवे दिन सिर्फ 4 ओवर फेंके गए और पारी के 80 ओवर पूरे होने के बाद भारतीय टीम के लिए नई गेंद उपलब्ध हुई। सिराज और कृष्णा ने पुरानी गेंद को स्विंग कराकर इंग्लिश बल्लेबाजों को परेशान किया। यदि भारत नई गेंद लेता, तो शायद बल्लेबाजों के लिए गेंद और बल्ले का संपर्क बनाना आसान होता।
मोहम्मद सिराज का जादू
जसप्रीत बुमराह के ओवल टेस्ट में न खेलने के कारण, मोहम्मद सिराज ने तेज गेंदबाजी की अगुवाई की और मैच में कुल 9 विकेट लिए। इस मैच में उनका प्रदर्शन इंग्लिश बल्लेबाजों पर दबाव बनाने में सफल रहा।