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भारत की खाद्यान्न आत्मनिर्भरता पर कृषि मंत्री का जोर

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खाद्यान्न आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि भारत को वैश्विक बाजारों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि 46 प्रतिशत भारतीय कृषि पर निर्भर हैं और 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है। मंत्री ने सरकार की योजनाओं पर भी प्रकाश डाला, जिसमें उत्पादकता बढ़ाने के लिए छह प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
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भारत की खाद्यान्न आत्मनिर्भरता पर कृषि मंत्री का जोर

खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने की आवश्यकता


कृषि मंत्री ने खाद्यान्न आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर जोर दिया


भारत के कृषि मंत्री, शिवराज सिंह चौहान ने खाद्यान्न आत्मनिर्भरता के महत्व को फिर से रेखांकित करते हुए कहा कि देश को विशेषकर दलहनों में आत्मनिर्भर बनना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए हमें वैश्विक बाजारों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।


चौहान ने पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की 120वीं वार्षिक आम बैठक में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया है कि भारत वैश्विक भाईचारे में विश्वास करता है, लेकिन देश का हित सर्वोपरि है।


कृषि पर निर्भरता और उसके महत्व

46 प्रतिशत भारतीय कृषि पर निर्भर


मंत्री ने बताया कि भारत की 46 प्रतिशत जनसंख्या अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। इस निर्भरता को कम करने के प्रयासों के बावजूद, कृषि क्षेत्र को मजबूत करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में खाद्यान्न के लिए वैश्विक बाजार पर निर्भरता नहीं होनी चाहिए।


80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन


चौहान ने अमेरिका की खाद्य सहायता पर भारत की पूर्व निर्भरता को याद करते हुए कहा कि देश ने काफी प्रगति की है। उन्होंने बताया कि अब 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है और गोदामों में चावल और गेहूं भरे हुए हैं। इसके साथ ही, उन्होंने किसानों की आय सुनिश्चित करने के लिए कृषि को और मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।


सरकार का ध्यान और प्राथमिकताएं

सरकार की योजनाएं


मंत्री ने कहा कि सरकार उत्पादकता बढ़ाने के लिए छह प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने बताया कि चावल और गेहूं के मामले में भारत वैश्विक औसत पर है, लेकिन दलहन और तिलहन में हमें आत्मनिर्भर बनना चाहिए।