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भारत की ड्रोन शक्ति में वृद्धि: रक्षा मंत्रालय ने आपातकालीन खरीद को दी मंजूरी

भारत ने अपनी ड्रोन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 2000 करोड़ रुपये की आपातकालीन खरीद को मंजूरी दी है। यह कदम चीन, पाकिस्तान और तुर्की के लिए एक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। नई तकनीकों के तहत, भारतीय सेना को उन्नत ड्रोन मिलेंगे जो न केवल सीमा सुरक्षा को मजबूत करेंगे, बल्कि दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखने में भी सक्षम होंगे। जानें इस खरीद के पीछे की रणनीति और इसके संभावित प्रभाव।
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भारत की ड्रोन शक्ति में वृद्धि: रक्षा मंत्रालय ने आपातकालीन खरीद को दी मंजूरी

भारत की ड्रोन शक्ति का नया अध्याय

भारत अब अपनी ड्रोन क्षमताओं को एक नए स्तर पर ले जाने की तैयारी कर रहा है, जो चीन, पाकिस्तान और तुर्की के लिए एक सीधी चुनौती बन सकता है। रक्षा मंत्रालय ने 2000 करोड़ रुपये की आपातकालीन खरीद को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य भारतीय सेना को अत्याधुनिक तकनीक से लैस करना है। यह मंजूरी एक तात्कालिक आवश्यकता के रूप में दी गई है, जो दर्शाती है कि सुरक्षा खतरे बढ़ रहे हैं और सेना को तुरंत तैयार किया जा रहा है। यह फंड उन ड्रोन के लिए है जो न केवल सीमा सुरक्षा को मजबूत करेंगे, बल्कि दुश्मन की गतिविधियों पर भी नजर रखेंगे और आवश्यकता पड़ने पर तुरंत कार्रवाई कर सकेंगे।


आपातकालीन खरीद योजना के तहत मंजूरी

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि 1,981.90 करोड़ रुपये की राशि के अनुबंध भारतीय सेना के लिए 2000 करोड़ रुपये के स्वीकृत बजट के तहत अंतिम रूप दिए गए हैं। आपातकालीन खरीद योजना के तहत, ये उपकरण और हथियार आतंकवाद विरोधी अभियानों में तैनात सैनिकों की स्थिति जागरूकता, मारक क्षमता, गतिशीलता और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए तैयार किए गए हैं। मंत्रालय ने कहा कि तेजी से क्षमता वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए अधिग्रहण को संकुचित समयसीमा में पूरा किया गया है। यह खरीद भारतीय सेना को उभरती सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से स्वदेशी प्रणालियों से लैस करेगी।


सेना को मिलने वाले ड्रोन

1. इंटिग्रेटेड ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम, जो दुश्मन के ड्रोन को पहचानने, ट्रैक करने और उन्हें हवा में ही निष्क्रिय करने में सक्षम होगा।


2. रिमोटली पाइलेटेड एरियल व्हीकल्स, जो निगरानी और स्ट्राइक मिशनों के लिए तैयार किए गए हैं।


3. लायट्री म्यूनिशन ड्रोन, जो टारगेट के आसपास चक्कर काटते हैं और आदेश मिलने पर टारगेट पर गिरकर विस्फोट करते हैं।


4. सर्विलांसिंग कॉम्बैट ड्रोन, जो न केवल निगरानी करेंगे बल्कि आवश्यकता पड़ने पर दुश्मन के टारगेट पर लंबी दूरी से हमला भी कर सकेंगे।


पाकिस्तान का ड्रोन उपयोग

पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ बड़े पैमाने पर ड्रोन का उपयोग किया था। भारत द्वारा पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमलों का जवाब देने के लिए पाकिस्तान ने ड्रोन और युद्धक हथियारों का इस्तेमाल किया। भारत ने अपने स्वनिर्मित आकाशतीर वायु रक्षा प्रणाली का उपयोग करके पाकिस्तान के ड्रोन हमलों को विफल कर दिया था, जो युद्ध में रक्षा की प्रमुख पंक्ति के रूप में उभरी है।