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भारत की नई रणनीति: आतंकवाद के खिलाफ मुस्लिम देशों के साथ मिलकर पाकिस्तान को घेरने की तैयारी

भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को जवाब देने के साथ-साथ उसे चारों ओर से घेरने की योजना बनाई है। पांच मुस्लिम देशों के साथ मिलकर भारत आतंकवाद के खिलाफ एक साझा रणनीति पर काम कर रहा है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इन देशों के मंत्रियों से मुलाकात की और सुरक्षा, व्यापार, और ऊर्जा सहयोग पर चर्चा की। इस साझेदारी का उद्देश्य पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को कमजोर करना और वैश्विक स्तर पर उसे अलग-थलग करना है। जानें इस नई रणनीति के बारे में और कैसे भारत इन देशों के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो रहा है।
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भारत की नई रणनीति: आतंकवाद के खिलाफ मुस्लिम देशों के साथ मिलकर पाकिस्तान को घेरने की तैयारी

भारत की जवाबी कार्रवाई और नई रणनीति

भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को न केवल कड़ा जवाब दिया है, बल्कि उसे चारों ओर से घेरने की योजना भी बनाई है। आतंकवाद को समाप्त करने के लिए भारत ने पांच मुस्लिम देशों के साथ रणनीतिक सहयोग स्थापित किया है। ये देश पाकिस्तान के पड़ोसी हैं और खुद भी आतंकवाद का सामना कर चुके हैं। अब ये देश मिलकर आतंकियों के नेटवर्क को नष्ट करने की योजना पर कार्य कर रहे हैं.


विदेश मंत्री की महत्वपूर्ण बैठकें

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मध्य एशिया के पांच देशों - कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के साथ कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। इन बैठकों में सुरक्षा, व्यापार, ऊर्जा सहयोग और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता को मजबूत करने पर जोर दिया गया.


पाकिस्तान को चारों ओर से घेरने की योजना

पहलगाम हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया ने पाकिस्तान को झकझोर दिया है। अब भारत का उद्देश्य यह है कि पाकिस्तान के चारों ओर एक सुरक्षा और रणनीतिक घेरा बनाया जाए, जिससे वह किसी भी आतंकी गतिविधि के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन प्राप्त न कर सके. मध्य एशियाई देशों के साथ भारत की साझेदारी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.


जयशंकर की मुलाकातें और आतंकवाद पर चर्चा

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की। इन बैठकों में आतंकवाद, व्यापार, कनेक्टिविटी और ऊर्जा सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई, क्योंकि इन देशों को भी अफगानिस्तान और पाकिस्तान से फैले आतंकी संगठनों से खतरा है.


आतंकवाद के खिलाफ साझा रणनीति

जयशंकर ने इन देशों को आश्वस्त किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी सहयोग के लिए हमेशा तैयार है। बैठक में सहमति बनी कि सभी देश मिलकर आतंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे, जो पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि उसका आतंकी नेटवर्क इन्हीं क्षेत्रों में सक्रिय है.


भारत-मध्य एशिया व्यापार काउंसिल का संदेश

जयशंकर ने भारत-मध्य एशिया बिजनेस काउंसिल को संबोधित करते हुए कहा, "हमें अपने व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करना चाहिए। भारत की अर्थव्यवस्था हर साल 6-8% की दर से बढ़ रही है, जिससे व्यापार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं."


डॉलर पर निर्भरता कम करने की अपील

जयशंकर ने सभी देशों से अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता घटाने की अपील करते हुए कहा, "हमें अपनी-अपनी राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार को आसान बनाना चाहिए। इससे न केवल आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, बल्कि वैश्विक दबावों से भी बचा जा सकेगा."


प्राकृतिक संसाधनों की महत्ता

भारत की रणनीतिक साझेदारी की एक बड़ी वजह इन देशों के प्राकृतिक संसाधन भी हैं.


कजाकिस्तान: यूरेनियम
किर्गिस्तान: सोना और पनबिजली
ताजिकिस्तान: भारी जलविद्युत
तुर्कमेनिस्तान: प्राकृतिक गैस
उज्बेकिस्तान: सोना, यूरेनियम और प्राकृतिक गैस
इन संसाधनों से भारत को ऊर्जा सुरक्षा मिलेगी और पाकिस्तान की ऊर्जा निर्भरता को कमजोर किया जा सकेगा.


भारत की एकजुटता

इन पांच मुस्लिम देशों के साथ भारत की यह साझेदारी स्पष्ट संकेत देती है कि अब आतंक के खिलाफ मुस्लिम देशों की सोच में बदलाव आ रहा है। भारत और ये देश मिलकर न केवल पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करेंगे, बल्कि उसके आतंकी नेटवर्क को भी जड़ से उखाड़ फेंकेंगे.