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भारत की रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से कदम

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को उजागर किया। उन्होंने बताया कि पिछले दशक में रक्षा उत्पादन में 174 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और भारत अब 90 से अधिक देशों को रक्षा प्रणालियों का निर्यात कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, भारत एक सुरक्षित और आत्मविश्वासी राष्ट्र के रूप में उभरने के लिए प्रयासरत है। जानें इस दिशा में उठाए गए कदमों और भविष्य की योजनाओं के बारे में।
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भारत की रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से कदम

रक्षा मंत्री का आत्मनिर्भरता पर जोर

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस (एएफएफडी) के अवसर पर कहा कि सरकार देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और भारत के डिफेंस इकोसिस्टम में महत्वपूर्ण परिवर्तन हो रहे हैं।


अपने भाषण में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पहले देश पूरी तरह से आयात पर निर्भर था, लेकिन अब स्थिति तेजी से बदल रही है। 


पिछले एक दशक में भारत के रक्षा उत्पादन में 174 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 2014-15 में 46,000 करोड़ रुपए से बढ़कर 2024-25 में 1.51 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। निर्यात में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो 2013-14 में 686 करोड़ रुपए से बढ़कर 2024-25 में 23,622 करोड़ रुपए हो गया है। भारत अब 90 से अधिक देशों को रक्षा प्रणालियों का निर्यात कर रहा है।


एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को एक सुरक्षित, आत्मविश्वासी और विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के लिए रक्षा में आत्मनिर्भरता को आवश्यक बताया है। उनका यह दृष्टिकोण एक रणनीतिक बदलाव को दर्शाता है।


प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर जैसे सफल अभियानों का उल्लेख करते हुए कहा कि स्वदेशी प्लेटफॉर्म युद्ध में प्रमाणित होने के बाद प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएंगे और राष्ट्रीय आत्मविश्वास को मजबूत करेंगे। इससे भारत एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरेगा।


सरकार की नीति ने रक्षा क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने में मदद की है, जिससे औद्योगिक आधार का विस्तार हुआ है। भारत निर्मित सैन्य हार्डवेयर को प्राथमिकता देने से रक्षा उद्योग में तेजी से विकास हुआ है।


रक्षा मंत्री ने कहा कि देश की तेज आर्थिक वृद्धि ने सरकार को अधिक संसाधन उपलब्ध कराए हैं, जिसके कारण वित्त वर्ष 2025-26 में रक्षा बजट 6.81 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है, जो 2013-14 में 2.53 लाख करोड़ रुपए था।