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भारत की वैश्विक छवि पर ट्रंप के बयान का प्रभाव

डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयानों ने भारत की वैश्विक छवि को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। उनके भाषण में प्रधानमंत्री मोदी का मजाक उड़ाने से लेकर व्यापार वार्ता तक, कई मुद्दों पर चर्चा हुई है। इसके अलावा, हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती नफरत और सोशल मीडिया पर अपमानजनक टिप्पणियों ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। जानें इस पर और क्या प्रतिक्रियाएं आई हैं और मोदी सरकार की मौन प्रतिक्रिया का क्या मतलब है।
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भारत की वैश्विक छवि पर ट्रंप के बयान का प्रभाव

ट्रंप का विवादास्पद भाषण

15 अगस्त 1947 से लेकर अब तक भारत की स्थिति पर गौर करें। मई 2025 से शुरू हुए घटनाक्रम में भारत को पहले कभी इतनी बेइज्जती नहीं झेलनी पड़ी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके समर्थकों ने जैसे ठान लिया हो। हाल ही में ट्रंप ने दक्षिण कोरिया में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) के सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी का मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा, "मोदी एक खूबसूरत इंसान हैं, लेकिन किलर भी हैं, बहुत टफ हैं।" इसके बाद उन्होंने मोदी की आवाज में बोलते हुए कहा, "नहीं, नहीं, हमें लड़ाई करनी होगी!" इस पर सभागार में हंसी गूंज उठी। यह सोचने वाली बात है कि भारत अब 'किलर' देश के रूप में मजाक का विषय बन गया है।


ट्रंप और मोदी के बीच व्यापार वार्ता

ट्रंप ने अपने भाषण में कहा, "मैंने मोदी से कहा कि हम आपके साथ कोई व्यापार समझौता नहीं कर सकते।" मोदी ने जवाब दिया, "नहीं, हमें समझौता करना चाहिए।" ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान के साथ युद्ध जारी रहा, तो वह दोनों देशों पर 250 प्रतिशत शुल्क लगा देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देश परमाणु संपन्न हैं और एक-दूसरे से भिड़े हुए हैं।


चीन का प्रभाव और मोदी की अनुपस्थिति

इस सप्ताह चीन ने ट्रंप को झुकाने में सफलता पाई। अमेरिका को 'रेयर अर्थ' निर्यात की अनुमति देकर, सोयाबीन की खरीद फिर से शुरू की गई और अमेरिकी टैरिफ में कमी की गई। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप से मिलने से बचने के लिए मलेशिया में आयोजित आसियान सम्मेलन में भाग नहीं लिया। जबकि ब्राज़ील और कनाडा जैसे देशों ने इस बैठक में हिस्सा लिया।


हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती नफरत

दुनिया में हिंदुओं के प्रति नफरत में तेजी आई है। पाकिस्तानियों का हौसला बढ़ा हुआ है। अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन अब पहले की तरह भारत या हिंदुओं का समर्थन नहीं कर रहे हैं। दिवाली पर ट्रंप के संदेश का भारत में भले ही स्वागत किया गया हो, लेकिन असलियत यह है कि उस दिन अमेरिका के सोशल मीडिया पर हिंदुओं को गालियां दी गईं।


सोशल मीडिया पर हिंदुओं का अपमान

हिंदुओं के खिलाफ सोशल मीडिया पर लंबी बहस हुई। एक महिला ने हिंदुओं को झूठे देवताओं के उपासक कहा और दिवाली को दुष्ट देवताओं का त्योहार बताया। एक अन्य यूजर ने लिखा कि भारतीय अमेरिका और कनाडा आकर वन्य जीवों का शिकार करते हैं। इन सब घटनाओं पर मोदी सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।