भारत की सेना ने चीन और तुर्की के हथियारों पर रिसर्च शुरू की

चीन और तुर्की के मिसाइलों का अध्ययन
दिल्ली समाचार: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान प्राप्त चीन और तुर्की के मिसाइल और ड्रोन से संबंधित डेटा का अध्ययन किया जाएगा। इस दिशा में सेना ने अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। इस रिसर्च का उद्देश्य चीन और तुर्की के मिसाइलों से जुड़े सभी पहलुओं को समझना है, ताकि ड्रैगन को प्रभावी जवाब दिया जा सके। इसके साथ ही, रक्षा मंत्रालय ने छह एम्ब्रेयर विमानों की खरीद की योजना बनाई है, जिसमें डीआरडीओ द्वारा विकसित नेत्र मार्क 1ए रडार भी शामिल होंगे।
मंगोलियाई सेना के साथ युद्ध अभ्यास
मंगोलियाई आर्मी के साथ किया युद्ध अभ्यास
सेना के मेजर जनरल एसके सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की तीनों सेनाएं अपने बेड़े में अधिक से अधिक हथियारों के साथ-साथ संचार पर भी ध्यान दे रही हैं। भविष्य के युद्ध के लिए चौतरफा रणनीति विकसित करने के लिए लगातार अभ्यास जारी है। इसी संदर्भ में, भारतीय सेना ने मंगोलियाई सेना के साथ एक महत्वपूर्ण युद्ध अभ्यास किया है और एक-दूसरे के कौशल को साझा किया है।
ब्राजील से एम्ब्रेयर विमानों की खरीद
ब्राजील से खरीदे जाएंगे 6 एम्ब्रेयर विमान
भारतीय वायुसेना अपने बेड़े को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। रक्षा मंत्रालय भी तीनों सेनाओं के लिए बजट में वृद्धि कर रहा है। इसी क्रम में, रक्षा मंत्रालय ब्राजील से छह एम्ब्रेयर विमानों की खरीद की योजना बना रहा है। इन विमानों की देखरेख डीआरडीओ द्वारा की जाएगी और इन्हें नेत्रा मार्क 1ए रडार प्रणाली से लैस किया जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत को मिले चीन और तुर्की के हथियारों की जांच भारतीय तकनीकी विशेषज्ञ कर रहे हैं, जिनमें PL-15 एयर टू एयर मिसाइल, फतह रॉकेट और तुर्की के YIHA ड्रोन शामिल हैं।
भारत के पास चीनी हथियारों का युद्ध डेटा
भारत के पास चीनी हथियार सिस्टम का वॉर डेटा
मेजर जनरल राजन कोचर ने बताया कि भारत अब एकमात्र ऐसा देश है जिसके पास चीनी हथियार सिस्टम का युद्ध डेटा है। इसमें J-10, JF-17 लड़ाकू विमान, HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम, SH-15 होवित्जर और भारत के राफेल एयरक्राफ्ट का डेटा शामिल है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच कई दिनों तक टकराव देखा गया था, जिसने युद्ध की धारणा को बदल दिया। मेजर ने बताया कि सबसे पहले एयर डिफेंस सिस्टम को मजबूत करना आवश्यक है।
पाकिस्तानी एयरफोर्स की स्थिति
पाकिस्तानी एयरफोर्स चीन पर है निर्भर
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, वर्तमान में पाकिस्तानी एयरफोर्स के पास सात साब-2000 एरीआई रडार प्रणाली वाले विमान, चार चीनी ZDK-03 इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विमान और तीन डसॉल्ट फाल्कन डीए-20 इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विमान हैं। ये विमान 350 किलोमीटर की दूरी से दुश्मन क्षेत्र में हवाई और जमीनी गतिविधियों की निगरानी करने में सक्षम हैं।