भारत की सेनाएं आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई में सक्षम: राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह का बयान
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारतीय सेनाएं आतंकवाद के खिलाफ सीमा के दोनों ओर प्रभावी कार्रवाई करने में सक्षम हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पाकिस्तान ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान यह देखा है। लेकिन पाकिस्तान एक जिद्दी बच्चे की तरह अपनी गलतियों को मानने को तैयार नहीं है। इसलिए, यह आवश्यक है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ सभी प्रकार का दबाव बनाए।
पाकिस्तान का आतंकवाद के प्रति रवैया
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा आतंकवादियों को शरण दी है और उन्हें प्रशिक्षण तथा अन्य सहायता प्रदान की है। पहलगाम इसका एक उदाहरण है, लेकिन पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों की गतिविधियों की सूची बहुत लंबी है। पाकिस्तान हमेशा आतंकवाद को सही ठहराने की कोशिश करता है। इसलिए, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमें केवल आतंकवादियों को ही नहीं, बल्कि उनके समर्थन करने वाले पूरे ढांचे को समाप्त करना होगा।
भारत की मदद की पेशकश
राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को सलाह दी कि यदि वह आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पा रहा है, तो उसे भारत की मदद लेनी चाहिए।
शांति और प्रगति की आवश्यकता
उन्होंने कहा कि जब हम आतंकवाद के खतरे से मुक्त होंगे, तभी हम विश्व में शांति, प्रगति और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे। पाकिस्तान की आम जनता भी यही चाहती है, लेकिन वहां के नेता देश को विनाश की ओर ले जा रहे हैं।
आतंकवादियों का खुला घूमना
राजनाथ सिंह ने याद दिलाया कि पाकिस्तान में हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादी खुलेआम घूमते हैं। यह स्थिति अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।
संयुक्त राष्ट्र की भूमिका
उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के काउंटर टेररिज्म पैनल का उपाध्यक्ष बनाया गया है, जो एक विडंबना है।
कश्मीर में विकास
राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर में विकास को रोक नहीं पाया है। उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेलवे लिंक जैसी परियोजनाएं अब साकार हो रही हैं।
भारत की आत्मनिर्भरता
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की सेनाओं के पास अब केवल आयातित हथियार नहीं हैं, बल्कि स्वदेशी मिसाइलें और अन्य प्लेटफार्म भी हैं।
रक्षा निर्यात में वृद्धि
राजनाथ सिंह ने बताया कि भारत का रक्षा निर्यात 2014 की तुलना में लगभग 35 गुना बढ़ चुका है।