भारत की सेनाओं में ऐतिहासिक बदलाव: अब एकीकृत आदेश और अनुशासन का नया युग

नई दिल्ली में ऐतिहासिक निर्णय
नई दिल्ली. 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता के बाद, केंद्र सरकार ने थल, वायु और नौसेना सहित देश की तीनों सेनाओं के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब इंटर-सर्विस ऑर्गनाइजेशन (ISO) को ऐसे अधिकार दिए गए हैं, जो पहले केवल विशेष यूनिट तक सीमित थे। इसके तहत ISO के प्रमुख को सभी सैन्य शाखाओं के अधिकारियों और जवानों को आदेश देने का अधिकार प्राप्त होगा। इससे सेनाओं के बीच तालमेल में सुधार होगा और ऑपरेशनल निर्णय तेजी से लिए जा सकेंगे। इस कदम से भारत की लड़ाई की क्षमता में कई गुना वृद्धि होगी।
नए नियमों का प्रभाव
नए नियमों के अनुसार, ISO के अधिकारी अब न केवल आदेश दे सकेंगे, बल्कि अनुशासनात्मक कार्रवाई भी कर सकेंगे। पहले, एक सेना के अधिकारी को दूसरी सेना के जवान पर कार्रवाई करने के लिए संबंधित यूनिट में भेजना पड़ता था, जिससे समय की बर्बादी होती थी। अब यह बाधा समाप्त हो गई है। मंगलवार से यह नया कानून लागू हो चुका है, जिससे अनुशासन और प्रशासनिक नियंत्रण में सुधार होगा।
थिएटर कमांड की दिशा में कदम
थिएटर कमांड की राह में नया पड़ाव
सरकार एकीकृत थिएटर कमांड बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। नए नियम इसी प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। थिएटर कमांड के तहत, सेना, वायुसेना और नौसेना की यूनिट्स एक ही भौगोलिक या रणनीतिक क्षेत्र में मिलकर काम करेंगी। इन पर एक ही कमांडर का नियंत्रण होगा, जिससे युद्ध की रणनीति और क्रियान्वयन में तेजी आएगी। इस बदलाव से सैन्य शक्ति का केंद्रीकरण होगा और निर्णय लेने में बाधाएं नहीं आएंगी।
संसद से मंजूरी और कार्यान्वयन
संसद से मंजूरी, अब ज़मीन पर कार्रवाई
यह बदलाव 2023 के मानसून सत्र में संसद के दोनों सदनों से पारित हुए बिल का परिणाम है। मई 2024 से यह कानून प्रभावी हो चुका है और अब धारा 11 के तहत नए नियमों के अनुसार कार्य होगा। अधिकारियों का मानना है कि यह कदम अंतर-सेवा संगठनों को और अधिक प्रभावी बनाएगा। इससे संचालन में तेजी आएगी और तीनों सेनाओं के बीच एकजुटता भी मजबूत होगी।
सुरक्षा में बदलाव
बदलाव जो सुरक्षा का चेहरा बदल देगा
पहले की व्यवस्था में अधिकार सीमित थे। उदाहरण के लिए, यदि कोई नौसेना अधिकारी थलसेना के सैनिक पर कार्रवाई करना चाहता था, तो उसे संबंधित सेना के पास भेजना पड़ता था। यह प्रक्रिया समय लेने वाली और अप्रभावी थी। नए नियमों ने इस असमंजस को समाप्त कर दिया है और अब हर अधिकारी को पूरे ISO दायरे में अधिकार मिलेगा। यह स्पष्ट प्रशासनिक नियंत्रण का संकेत है।
एकता की भावना
एक लक्ष्य, एक देश, एक सेना की भावना
सरकार का उद्देश्य है कि भारत की तीनों सेनाएं केवल रणनीति में ही नहीं, बल्कि हर स्तर पर एकजुट हों। 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता ने यह साबित किया है कि जब तीनों सेनाएं एक साथ होती हैं, तो दुश्मन का कोई ठिकाना नहीं बचता। अब, इन नियमों के लागू होने से सेना पहले से कहीं अधिक चुस्त, प्रभावी और संगठित होगी। यह केवल एक कानूनी बदलाव नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को नया आधार देने वाला ऐतिहासिक निर्णय है।
तेजी से निर्णय लेने की क्षमता
अब फैसले मैदान में नहीं, रणनीति से होंगे
भारत की सेना अब किसी भी खतरे का जवाब एक साथ, तेजी से और पूरी ताकत से देने में सक्षम होगी। इसका असर केवल युद्ध की ज़रूरतों तक नहीं, बल्कि शांति काल में भी प्रशासनिक दक्षता में दिखाई देगा। भारत ने यह तय कर लिया है कि अब किसी भी स्थिति में वह तैयार रहेगा—और यह तैयारी केवल हथियारों की नहीं, बल्कि सिस्टम की भी होगी।