भारत के आंतरिक मामलों पर पाकिस्तान की टिप्पणी पर मंडाविया की कड़ी प्रतिक्रिया
दोहा में विश्व सामाजिक विकास शिखर सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री का बयान
नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर भारत ने पाकिस्तान की सच्चाई को उजागर किया है। दोहा में चल रहे विश्व सामाजिक विकास शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने आरोप लगाया कि भारत जल को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। यह बयान भारत की छवि को नुकसान पहुँचाने के उद्देश्य से दिया गया था।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और पाकिस्तान को स्पष्ट किया कि उसे भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि उसे अंतरराष्ट्रीय मंचों का दुरुपयोग बंद करना चाहिए।
पाकिस्तान का अंतरराष्ट्रीय मंच का दुरुपयोग
मंडाविया ने कहा कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद में लिप्त है और उसे आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान इस तरह के दुष्प्रचार के माध्यम से भारत के खिलाफ ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहा है।
उन्होंने सिंधु जल संधि का उल्लेख करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने इस संधि की भावना को कमजोर किया है और भारत की वैध परियोजनाओं में बाधा डालने के लिए इसका दुरुपयोग किया है।
मंडाविया का स्पष्ट संदेश
केंद्रीय मंत्री ने जम्मू और कश्मीर के संदर्भ में भी पाकिस्तान को चेतावनी दी कि उसे भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अपनी विकास संबंधी चुनौतियों का समाधान करना चाहिए और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद पर निर्भरता को समाप्त करना चाहिए।
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