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भारत के ऑपरेशन महादेव से पाकिस्तान में हड़कंप: आतंकियों की सच्चाई का पर्दाफाश

भारत ने हाल ही में 'ऑपरेशन महादेव' के तहत पहलगाम में तीन आतंकियों को मार गिराया, जिससे पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। पाकिस्तान ने इन आतंकियों को 'मासूम नागरिक' बताया और भारत पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगाया। इस लेख में हम जानेंगे कि हाशिम मूसा कौन था, पाकिस्तान की दोहरी चाल और भारतीय सेना की सफलता के पीछे की सच्चाई क्या है। क्या पाकिस्तान की मीडिया भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही है? जानें इस विस्तृत रिपोर्ट में।
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भारत के ऑपरेशन महादेव से पाकिस्तान में हड़कंप: आतंकियों की सच्चाई का पर्दाफाश

पाकिस्तान की बौखलाहट के पीछे का सच

हाल ही में भारत ने 'ऑपरेशन महादेव' के तहत पहलगाम में आतंकवादी हाशिम मूसा सहित तीन खतरनाक आतंकियों को मार गिराया, जिससे पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। पाकिस्तान ने इन मारे गए आतंकियों को 'मासूम नागरिक' करार देते हुए भारत पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगाया है.


98 दिन बाद आतंकियों का अंत

22 अप्रैल को बैसरन घाटी में हुए एक भयानक आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान लेने वाले आतंकियों के तीन सदस्य अंततः ऑपरेशन महादेव में मारे गए। भारतीय सेना ने हाशिम मूसा को श्रीनगर के बाहरी इलाके लिडवास में घेरकर समाप्त किया, साथ ही जिब्रान और हमजा अफगानी का भी अंत किया।


हाशिम मूसा की पहचान

हाशिम मूसा लश्कर-ए-तैयबा का एक आतंकवादी था और पाकिस्तान की सेना की स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) का पूर्व कमांडो था। उसने सितंबर 2023 में भारत में घुसपैठ की थी और दक्षिण कश्मीर में कई आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया। सुरक्षा बलों के अनुसार, वह पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड था और सैटेलाइट फोन के जरिए ट्रैक किया गया।


पाकिस्तान की दोहरी चाल

पाकिस्तानी मीडिया और सेना ने इस ऑपरेशन पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारत 56 पाकिस्तानी नागरिकों को अवैध रूप से डिटेन कर फर्जी एनकाउंटर कर रहा है। पाकिस्तानी अखबार डॉन ने लिखा है कि भारत ऑपरेशन महादेव के नाम पर फर्जी एनकाउंटर कर रहा है।


723 पाक नागरिक भारतीय जेलों में?

पाक सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद चौधरी शरीफ ने दावा किया है कि 723 पाकिस्तानी नागरिक भारत की जेलों में बंद हैं। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि ये लोग भारत में कैसे पहुंचे। पाकिस्तान मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाता है, लेकिन आतंकियों के संरक्षक की भूमिका को छिपाने की कोशिश करता है।


हथियारों और सैटेलाइट फोन से खुली पोल

भारतीय सेना को आतंकियों के पास से एक एम4 कार्बाइन राइफल, दो AK राइफलें और भारी मात्रा में गोला-बारूद मिला है। सैटेलाइट फोन से मिले संकेतों के आधार पर सुरक्षाबलों ने इन आतंकियों की लोकेशन को ट्रैक किया और ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।


सुरक्षा एजेंसियों की जानकारी

सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, जिब्रान सोनमर्ग सुरंग हमले में भी शामिल था जबकि हमजा अफगानी लश्कर की एक और स्लीपर यूनिट का सदस्य था। ऑपरेशन महादेव में इन तीनों का खात्मा भारत की बड़ी सैन्य सफलता के रूप में देखा जा रहा है।


भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश?

पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट्स का उद्देश्य भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को खराब करना और आतंकियों के खिलाफ की गई कार्रवाई को विवादास्पद बनाना है। हालांकि, सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के पास पर्याप्त सबूत हैं और यह ऑपरेशन एक सुनियोजित और पारदर्शी सैन्य कार्रवाई थी।