भारत के ऑपरेशन सिंदूर से पीओके में आतंकियों के कैंपों को भारी नुकसान

भारत का प्रतिशोध: ऑपरेशन सिंदूर
भारत ने 6 और 7 मई की रात को पहलगाम हमले का प्रतिशोध लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर का संचालन किया। इस अभियान के दौरान, भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित आतंकवादी कैंपों को निशाना बनाया। इन हमलों के परिणामस्वरूप कई आतंकी ठिकाने नष्ट हो गए। इसके बाद, दोनों देशों के बीच चार दिनों तक संघर्ष हुआ, लेकिन पाकिस्तान के अनुरोध पर सीजफायर लागू कर दिया गया। हाल ही में, एक मीडिया चैनल ने नई उच्च-रिज़ॉल्यूशन सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं, जो इन हमलों के प्रभाव को स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं।
सैटेलाइट इमेज में दिखी तबाही
ये सैटेलाइट तस्वीरें कश्मीर के तंगधार से 36 किलोमीटर दूर मुजफ्फराबाद के सैयदना बिलाल कैंप और राजौरी से 40 किलोमीटर पश्चिम में कोटली गुलपुर कैंप की हैं। इन दोनों स्थानों पर 6 और 7 मई की रात को हमले किए गए थे। मुजफ्फराबाद में सैयदना बिलाल कैंप जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकियों का एक महत्वपूर्ण ठिकाना था, जहां उन्हें हथियार चलाने और विस्फोटक बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता था।
सैयदना बिलाल कैंप में आतंकियों का प्रशिक्षण
हमले से पहले और बाद की तस्वीरों में एक इमारत का समूह दिखाई दे रहा है, जो ड्रोन हमले में पूरी तरह से नष्ट हो गया है। सेना के सूत्रों के अनुसार, जून 2023 में इस कैंप में नए आतंकियों को लाया गया था, जिन्हें भारत में घुसपैठ कराने के लिए तैयार किया जा रहा था। इन आतंकियों को पंजाब स्थित लॉन्च पैडों पर भेजा गया, जहां उन्हें संचार की ट्रेनिंग दी गई।
कोटली कैंप का महत्व
कोटली गुलपुर कैंप लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रमुख ठिकाना माना जाता है। यह राजौरी से केवल 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सैटेलाइट इमेज में देखा जा सकता है कि भारत के हमले से एक इमारत पूरी तरह से तबाह हो गई है। इस कैंप का उपयोग आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए किया जा रहा था, और यहां से प्रशिक्षित आतंकियों ने 2023 में पुंछ में तीर्थयात्रियों पर हमले किए थे।