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भारत के मुख्य न्यायाधीश ने बुलडोजर न्याय पर दिया महत्वपूर्ण बयान

भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने बुलडोजर न्याय पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को संतोषजनक बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई संविधान और मानवाधिकारों के खिलाफ है। CJI ने न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन के योगदान को भी मान्यता दी और न्यायपालिका के बुनियादी ढांचे में सुधार पर जोर दिया। उनका यह बयान भारतीय न्याय प्रणाली की मानवीयता और निष्पक्षता को दर्शाता है।
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भारत के मुख्य न्यायाधीश ने बुलडोजर न्याय पर दिया महत्वपूर्ण बयान

CJI बीआर गवई का बयान

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने हाल ही में एक कार्यक्रम में बुलडोजर न्याय पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को "अत्यंत संतोषजनक" बताया। 269वें शुक्रवार समूह के सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं के शैक्षणिक मंच पर उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन के साथ लगभग छह महीने तक पीठ साझा करने का अवसर मिला, जिसमें उन्होंने बुलडोजर न्याय के खिलाफ कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए।


बुलडोजर कार्रवाई को असंवैधानिक बताया
मुख्य न्यायाधीश ने स्पष्ट किया कि सभ्य समाज में ऐसी मनमानी कार्रवाई को स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि किसी अभियुक्त या दोषी के परिवार के घर या संपत्ति को केवल रिश्तेदारी के आधार पर ध्वस्त करना संविधान की भावना और मानवाधिकारों के खिलाफ है। इसे “कानून के शासन द्वारा शासित समाज में पूरी तरह अस्वीकार्य” करार दिया गया।


मानवीय दृष्टिकोण पर आधारित था फैसला
CJI गवई ने बताया कि यह निर्णय पूरी तरह से मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर लिया गया था। उन्होंने कहा कि पीठ के समक्ष ऐसे मामले आए जहां केवल इसलिए किसी परिवार की संपत्ति को निशाना बनाया गया क्योंकि परिवार के किसी सदस्य पर अपराध का आरोप था। उन्होंने कहा, "ऐसे निर्णय न्यायपालिका की संवेदनशीलता और न्याय की सच्ची भावना को दर्शाते हैं।"


न्यायमूर्ति विश्वनाथन को भी दी समान मान्यता
सीजेआई गवई ने यह भी स्पष्ट किया कि इस फैसले का अधिकांश श्रेय उन्हें दिया गया, लेकिन न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन का योगदान भी महत्वपूर्ण था। उन्होंने कहा, “यह निर्णय दोनों न्यायाधीशों की साझा सोच और संवेदनशीलता का परिणाम है।”


न्यायपालिका के बुनियादी ढांचे में सुधार पर ज़ोर
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि भले ही CJI का कार्यकाल सीमित होता है, लेकिन न्याय व्यवस्था के विकास के लिए उन्होंने हर संभव प्रयास किए हैं। उन्होंने देशभर में अदालतों की बुनियादी संरचना को मजबूत करने, डिजिटल न्याय प्रणाली को बढ़ावा देने और न्याय तक पहुंच को सरल बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।


CJI बीआर गवई का यह बयान भारतीय न्याय प्रणाली की मानवीयता, निष्पक्षता और संवैधानिक मूल्यों की पुष्टि करता है। ‘बुलडोजर न्याय’ जैसे गंभीर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का यह ऐतिहासिक रुख लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों की सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।